नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ मंदी की आशंका है,साथ ही 31 मार्च को वित्त वर्ष खत्म होने के दौरान विकास दर भी प्रभावित होगी।
आईएमएफ का अनुमान इस चालू वित्त वर्ष के लिए यह विकास दर 6.8 प्रतिशत जो मार्च के बाद 6.1 प्रतिशत हो सकती है। इस तरह से अगले वित्त वर्ष में कुछ मंदी देखने को मिलेगी।
ग्लोबल ग्रोथ भी गिरेगी
आईएमएफ ने मंगलवार को अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक का जनवरी अपडेट जारी किया, जिसके अनुसार वैश्विक विकास 2022 में अनुमानित 3.4 प्रतिशत से घटकर 2023 में 2.9 प्रतिशत होने का अनुमान है, फिर 2024 में बढ़कर 3.1 प्रतिशत हो जाएगा।
एशियाई देशों में विकास बढ़ने की उम्मीद है
रिपोर्ट के अनुसार, एशियाई देशों में वृद्धि 2023 और 2024 में क्रमशः 5.3 प्रतिशत और 5.2 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है, 2022 में चीन की अर्थव्यवस्था के कारण 4.3 प्रतिशत की अपेक्षा से अधिक मंदी के बाद।
पड़ोसी देश चीन में अर्थव्यवस्था में मंदी कम होगी
कोरोना के कहर से जूझ रहे चीन में मंदी कम रहने के आसार हैं।
2023 में चीन में विकास दर 5.2 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है, जो गतिशीलता में तेजी से सुधार को दर्शाता है, और व्यापार की गतिशीलता में गिरावट और संरचनात्मक सुधारों पर धीमी प्रगति के बीच मध्यम अवधि में 4 प्रतिशत से नीचे रहने से पहले 2024 में 4.5 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान है।
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान विभाग के निदेशक पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने कहा कि भारत एक बेहतर स्थान पर बना हुआ है। भारत की अर्थवय्वस्था विश्व में योगदान देगी ।उन्होंने कहा कि चीन के साथ मिलकर, यह इस वर्ष वैश्विक विकास का आधा हिस्सा होगा, जबकि अमेरिका और यूरो क्षेत्र के लिए संयुक्त रूप से सिर्फ 10वां हिस्सा होगा।