MP Assembly Election:मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ सियासत भी गरमा गई है। सवालों का जवाब देने वाले अब सवाल कर रहे हैं। जिनकी 15 महीने सरकार रही उनसे वो सवाल कर रहे हैं जो लंबे अर्से से राज्य की सत्ता संभाल रहे हैं। विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी जवाब देने के बजाए सवाल ही कर रही है। यानी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच सवालों की जंग छिड़ी हुई है। इस सवालों की जंग में ठगा महसूस कर रही प्रदेश की जनता को भी चुनाव का इंतजार है। चुनाव में जनता किसे जवाब देगी और किसे वोट ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा,लेकिन सियासत में इन दिनों विकास के मुद्दे सवालों में दबते नजर आ रहे हैं।
सवाल पूछकर शिवराज ने कांग्रेस को बैकफूट पर किया
दरअसल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सियासी जमावट में जुट गए हैं। दोनों ही दलों की जनता को लुभाने की कोशिश जारी हैं। वहीं एक-दूसरे के वादों पर सवाल भी उठा रहे हैं। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों में वार-पलटवार का दौर जारी है। एक तरफ जहां भाजपा कांग्रेस के 15 माह का हिसाब मांग रही है। तो कांग्रेस की ओर से भाजपा से सवाल पूछे जा रहे हैं। क्योंकि भाजपा इन दिनों सत्ता में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री पीसीसी चीफ कमल नाथ और कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कांग्रेस और कमलनाथ से सवाल वे ये जरूर कहना चाहते हैं कि कांग्रेस ने फिर से झूठे वादे करना शुरू कर दिये हैं। उनके वचनपत्र में जो उन्होंने वचन दिए थे। एक भी पूरा नहीं किया। सीएम ने कहा वे एक वचन आपको बताते हैं इन्होंने कई फसलों के नाम लिखकर कहा था कि हम गेहूं, चना, सरसों हों या चावल, सभी पर बोनस देंगे। सवा साल में कमल नाथ एक को भी बोनस दिया क्यों नहीं दिया। कांग्रेस ने 2018 में किसानों को वचन दिया था। गेहूं, चना, सरसों से लेकर सभी फसलों पर बोनस देंगे, लेकिन धेला नहीं दिया और फिर भ्रम फैलाने निकले हैं। जवाब देना पड़ेगा। पहले दिए वादे क्यों पूरा नहीं किया, बोनस क्यों नहीं दिया, इसका जवाब दो। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कमल नाथ ने 2018 के वचनपत्र में कहा था दूध उत्पादक कृषकों को दुग्ध संघ के माध्यम से प्रति लीटर पांच रुपये बोनस देंगे। सवा साल में आपने धोखा दिया क्या। जवाब देना पड़ेगा। जनता जवाब चाहती है।
कमलनाथ ने शिवराज को बताया अस्थिर मति का व्यक्ति!
मुख्यमंत्री के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पलटवार किया और कहा शिवराज उनसे सवाल कर रहे हैं कि हमने किन वादों पर अमल किया और किन पर नहीं कर पाया। ऐसे सवाल कोई अस्थिर मति का व्यक्ति ही कर सकता है। मुख्यमंत्री का काम सवाल पूछना नहीं। जनहित की योजनाओं पर अमल करना है। अगर हमारी घोषणा जनहित की है तो आप इसे लागू करें। वैसे आप कुछ महीने के लिए सवाल बचाकर रखिए। प्रदेश की जनता आपको कुर्सी से हटाकर सवाल पूछने का खूब समय देने वाली है। उन्हें लगता है आप उसी की नेट प्रैक्टिस कर रहे हैं।
दूध पर किये वादे पर आपने दही कर दिया-कमलनाथ
कमल नाथ ने कहा मध्यप्रदेश में कोई भी विकास कार्य न करने की शपथ ले चुके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मैं यह पूछना चाहता हूं कि आपने भाजपा के नारी शक्ति संकल्पपत्र में कृषि उपज और दूध के प्राथमिक प्रसंस्करण के लिए महिला स्वयं सहायता समूह और एफपीओ को 20 लाख रुपये तक का दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण देने का वादा किया था। क्या आप जनता के सामने तथ्य रखकर बताएंगे कि इस घोषणा पर क्या प्रगति हुई? या फिर दूध पर किए इस वादे का भी आपने दही कर दिया? कमल नाथ ने मुख्यमंत्री चौहान को सलाह दी कि मुख्यमंत्री पद की गरिमा को पहचानिए। गाल बजाना बंद कीजिए और हाथ चलाना शुरू कीजिए। जो कुछ महीने आपकी खरीद-फरोख्त की सत्ता के बचे हैं।उसमें एकाध काम तो जनकल्याण का कर दीजिए।