Beating The Retreat 2023: बीटिंग द रिट्रीट के साथ आज 29 जनवरी को 74वें गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होगा। दिल्ली में हर साल की तरह इस बार भी विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम Beating Retreat 2023 का आयोजन हो रहा है। चूंकि यह समारोह भारत के गणतंत्र दिवस के तीन दिन बाद होता है। ऐसे में कई लोगों को यह लगता है कि यह कार्यक्रम गणतंत्र दिवस का हिस्सा नहीं हैं लेकिन सच्चाई यह है कि यह गणतंत्र दिवस के साप्ताहिक समारोह का ही एक हिस्सा होता है। बीटिंग रिट्रीट अंतिम और समापन कार्यक्रम होता है। दिल्ली के बाद मप्र की राजधानी भोपाल वो शहर है जहां बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। भोपाल में मोतीलाल नेहरु स्टेडियम में बीटिंग द रिट्रीट beating the retreat के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन किया जा रहा है।देशभक्ति से ओतप्रोत इस रंगारंग संगीतमय कार्यक्रम का भी अपना एक इतिहास है।
रंगबिरंगी और संगीतमय शाम
दिल्ली के विजय चौक पर होने वाले इस समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगीं। यह कार्यक्रम शाम ढलने के पहले शुरू हो जाता है। जैसे ही दिल्ली में सूर्यास्त होता है राष्ट्रपति भवन गणतंत्र दिवस की इस संध्या पर विशेष प्रकाश सज्जा से जगमगा उठता है। विजय चौक पर तीनों सेनाओं के अंगों के बैंड मिलकर 29 धुनों को सुनाते हैं।
पहली बार ड्रोन शो का आयोजन
बीटिंग द रिट्रीट समारोह देश के सबसे बड़े ड्रोन शो का भी गवाह बनेगा। दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए इस ड्रोन शो में साढ़े तीन हजार स्वदेशी ड्रोन शामिल होंगे। शानदार ड्रोन शो रायसीना पहाड़ियों पर शाम के आसमान को रोशन करेगा। ये ड्रोन सहज तालमेल के माध्यम से राष्ट्रीय आकृतियों और घटनाओं के असंख्य रूपों को बुनेंगे। ड्रोन शो स्टार्टअप इकोसिस्टम की सफलता के साथ देश के युवाओं के तकनीकी कौशल को दर्शाएगा और भविष्य के पथ-प्रदर्शक रुझानों का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस कार्यक्रम का आयोजन मैसर्स बोटलैब्स डायनेमिक्स द्वारा किया जाएगा।
शामिल होती हैं तीनों सेना
बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम में भारतीय सेना के तीनों अंग शामिल होते हैं। जिनके बैंड एक साथ मिलकर मार्च करते हुए धुन बजाते हैं। ड्रूमर्स कॉल का प्रदर्शन किया जाता है। कभी इस दौरान घंटियों की एक खास धुन अबाइड विद मी भी बजाई जाती थी। जो महात्मा गांधी की प्रिय धुन थी। लेकिन अब सरकार ने अपने एक फैसले में इस समारोह से गांधी जी की प्रिय धुन को हटा दिया है।
भोपाल में भी बीटिंग द रिट्रीट
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में रविवार को बीटिंग द रिट्रीट के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन किया जा रहा है। बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम में पुलिस ब्रास बैण्ड द्वारा क्लासिकल धुनों के साथ ही देशभक्ति गीतों की आकर्षक संगीतमय प्रस्तुति होगी। बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है और दिल्ली के बाद मध्यप्रदेश एकलौता ऐसा राज्य है जहां पर बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है। साल 1950 से लगातार भोपाल में बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता रहा है, जो साल दर साल लगातार जारी है। बीटिंग द रिट्रीट को देखने के लिए भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
बीटिंग द रिट्रीट से दूर किया जाता था युद्ध का तनाव
बीटिंग द रिट्रीट सैन्य और अर्धसैन्य बलों की प्राचीन परंपरा है। जब लड़ाई के दौरान सेनाएं सूर्यास्त होने पर हथियार रखकर अपने कैंप में जाती थी, तो युद्ध के तनाव को कम करने के लिए और मनोरंजन के लिए बैण्ड वादन का कार्यक्रम रखा जाता था। देश में इस कार्यक्रम के साथ ही गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों की औपचारिक समाप्ति होती है।
ये है बीटिंग द रिट्रीट का इतिहास
बीटिंग द रिट्रीट की शुरुआत भारत में 1950 के दशक में हुई थी। भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट ने सेनाओं के बैंड्स के डिस्प्लेस के साथ इस सेरेमनी को पूरा किया था। 1952 में भारत में इस समारोह का दो कार्यक्रम आयोजन किया गया था। पहला कार्यक्रम दिल्ली में रीगल मैदान के सामने मैदान में हुआ था और दूसरा लालकिले में।