इस कलयूगी दूनिया में मानवता इतनी गिर चुकी है कि लोग अपने लोगों के सगे भी नहीं हो पा रहे. क्रॉइम की घटना इतनी बढ़ चुकी है कि लोग बस केवल लालच के लिए जी रहे हैं. आलम ये हो चुका है कि राजधानी रायपुर में भगवान को रिक्शा में सवार होकर अदालत पहुंचना पड़ा. जिससे आस-पास के लोग हैरान हो गए. दरअसल, कुछ दिन पहले भगवान शिव को नजूल भूमि पर मंदिर निर्माण को लेकर नोटिस दिया गया था. तो जाहिर सी बात है कि नोटिस मिली थी तो उन्हें समय पर कोर्ट तो पहुंचना ही था.
कोर्ट में पेश होने की मिली अगली तारीख
बता दें कि स्थानीय लोग और मंदिर के पुजारी ने अदालत की बात का मान रखते हुए शिवलिंग को रिक्शा में लेकर नोटिस की कॉपी के साथ न्यायालय में पेशी पर लेकर पहुंचे. जहां सभी तहसीलदार जनसुनवाई में लगे हुए थे. जिसके कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. जिससे भगवान को कोर्ट में पेश होने की अगली तारीख मिली. अब अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी. दरअसल, मामला यह है कि एक महिला ने नजूल भूमि पर अवैध कब्जा को हटाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसपर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. साथ ही कोर्ट में पेश होने के लिए नोटिस भेजा था. जिससे गुस्साए स्थानीय लोगों ने इसकी कड़ी आलोचना की. साथ ही आपस में चर्चा करते हुए भगवान को ही उठाकर ले जाने का निर्णय लिया. पहली बार किसी कोर्ट में इंसानों के लिए भगवान को कोर्ट में खड़ा होना पड़ रहा है.
इंसानों की बुद्धि हुई भ्रष्ट
कहते हैं ना जब इंसान मुसीबत में होता है तब उसे केवल मां और भगवान की याद आती है. उस वक्त उसके मूंह से मां या हे भगवान शब्द ही निकलता है. लेकिन इस घटना से ऐसा प्रतीत होता है मानो इंसान की हर मुराद पूरा करना भगवान के लिए महंगा पड़ रहा है. सबसे आश्चर्य वाली बात तो यह है कि लोगों को समझ नहीं आया कि वो अपने स्वार्थ के लिए उन्हें कोर्ट लेकर जा रहे हैं. जिन्होंने सृष्टी की रचना की है. बता दें कि लोगों की बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है. उन्हें बस केवल अपने आप से मतलब है. जिसका नतीजा हमें इस केस के बाद देखने को मिल जाएगा.