जे पी नड्डा का कार्यकाल फिर एक साल के लिए बढ़ गया है। देश के सबसे मजबूत दल बीजेपी ने अपने पुराने चेहरे जे पी नड्डा पर एक बार फिर भरोसा जताया है। नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ गया है। लालकृष्ण आडवाणी और अमित शाह के बाद दूसरे कार्यकाल पाने वाले नड्डा तीसरे अध्यक्ष हैं। जेपी नड्डा का कार्यकाल 20 जनवरी को ये खत्म होने वाला था लेकिन अब लोकसभा चुनाव तक नड्डा पार्टी की कमान सम्हालेंगे।
कार्यकाल बढ़ाने के पीछे कई कारण
जे पी नड्डा को एक्सटेंशन देने के कई सारे कारण हैं। नड्डा प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की उम्मीदों पर खरे उतरे हैं।
1 नड्डा के कार्यकाल में कोविड के दौरान कार्यकर्ताओं ने लोगों की सेवा की । जनता का भरोसा जीता।
2 नड्डा के कार्यकाल में बीजेपी के लगातार बढ़ती मिली।
3 बिहार, महाराष्ट्र और हरियाणाऔर उत्तरप्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी
4 नड्डा के कार्यकाल में गैर हिंदी भाषी राज्यों में भी बीजेपी डंका बजा इनमें असम, त्रिपुरा, कर्नाटक, और पश्चिम बंगाल में बीजेपी मुख्य धारा में आई। बंगाल में बीजेपी मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभरी । पार्टी ने तीन विधानसभा से सीधे 77 विधानसभा जीतीं।
5 गोवा में बहुमत मिला तो गुजरात में प्रचंड जीत मिली।
6 नड्डा के नेतृतव में पार्टी ने बूथ विस्तार करने, अपना बूथ सबसे मजबूत, हर घर तिरंगा अभियान सफलतापूर्वक चलाए।
7 इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर सेवा पखवाडा मानने जैसे कार्यक्रम सफलतापूर्वक किए.
जे पी नड्डा के कार्यकाल को बढ़ाने का ऐलान करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नड्डा ने एक लाख तीस हजार बूथों को मजबूत किया है नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी का संगठन निचले स्तर तक मजबूत हुआ है।
चुनावी राज्यों बदलेगा संगठन का चेहरा
राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के कार्यकाल को बढ़ने के साथ ये सवाल उठने लगा है कि क्या राज्यों में संगठन के चेहरों को एक्टेंशन मिलेगा। क्या जिन राज्यों मे चुनाव है वहां भी संगठन के स्तर पर किसी तरह से कोई परिवर्तन नहीं होगा। राज्यों के बारे में तस्वीर साफ होने में अभी वक्त लगेगा।