लखनऊः योगी आदित्यनाथ। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेस के मुख्यमंत्री। पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ 19 मार्च 2017 को ली। उसके बाद ऐसी जोरदार पारी खेली कि दुबारा 2022 में भी पहले से अधिक जोरदार प्रदर्सन के साथ मुख्यमंत्री बने। दूसरी बार शपथ ग्रहण समारोह लखनऊ के इकाना स्टेडियम में हुआ। उनके साथ दो उप-मुख्यमंत्री भी बनाये गए। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे।
हम आपको इन्हीं योगी आदित्यनाथ के बारे में कुछ खास बताने जा रहे हैं।
योगी का राजनीतिक करियर
- 1998 में योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और जीता भी। वे12वीं लोक सभा के सबसे युवा सांसद भी रह चुके हैं। उस समय उनकी उम्र केवल 26 साल थी।
- 1999 में गोरखपुर से फिर संसद पहुंचे। अप्रैल 2002 में हिन्दू युवा वाहिनी बनाई। 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। 2009 में भी 2 लाख ज्यादा वोट जीतकर लोकसभा में पहुंचे।
- 2014 में पांचवी बार योगी एक बार फिर 2 लाख से ज्यादा वोटों से सांसद चुने गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला।
- 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार करवाया। इसके लिए उन्हें एक हेलीकॉप्टर भी दिया गया।
- 19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुना गया और मुख्यमंत्री का पद सौंपा गया।
- हालांकि, उनके मुख्यमंत्री बनने के साथ ही एक और बात भी कांस्पिरैसी थियरी गढ़नेवाले बताते हैं कि मनोज सिन्हा को यूपी का सीएम लगभग तय कर दिया गया था और वह भी बनारस में आशीर्वाद लेने मंदिरों में चले गए थे। अंतिम समय पर योगी समर्थक विधायकों ने एक तरह से विद्रोह कर दिया और उनको विधायक दल का नेता चुना गया।
योगी आदित्यनाथ के साथ जुड़े हैं कई विवाद
योगी आदित्यनाथ पर सितंबर 2008 में आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में योगी जी बाल बाल बचे। इस हमले में 100 से भी ज्यादा वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया था और निहत्थे लोगों को लहूलुहान भी किया। योगी को गोरखपुर दंगों के दौरान गिरफ्तार किया गया जब मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग मे एक हिन्दू युवा की जान चली गयी। अधिकारियों ने योगी को उस जगह जाने से मना कर दिया, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग की।
अगले दिन उन्होंने शहर के मध्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने की घोषणा की लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से साफ मना कर दिया। योगी आदित्यनाथ ने भी इस बात की कोई चिंता नहीं की और हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ़्तारी करवा दी। आदित्यनाथ को सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल में डाल दिया गया। मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे फूंक दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा। दंगे धीरे-धीरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में फैल गए।
2005 में योगी आदित्यनाथ ने कथित तौर पर 1800 ईसाईयों का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल कराया। ईसाइयों के इस शुद्धीकरण का कम उत्तर प्रदेश के एटा में हुआ।
योगी के फायरब्रांड बयान
- ‘जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने से कोई नहीं रोक सका तो मंदिर बनाने से कौन रोकेगा।’
- लव जेहाद को लेकर योगी का एक वीडियो सामने आया था। इसमें वे अपने समर्थकों से कहते सुनाई दे रहे थे कि हमने फैसला किया है कि अगर वे एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन करवाते हैं तो हम 100 मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाएंगे।
- “मूर्ति विसर्जन से होने वाला प्रदूषण दिखता है लेकिन बकरीद के दिन हजारों निर्दोष पशु काटे गए काशी में, उनका ख़ून सीधे गंगा जी में बहा है क्या वो प्रदूषण नहीं था?”
- “जो लोग योग के विरोधी हैं उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए, जो लोग सूर्य नमस्कार को नहीं मानते उन्हें समुद्र में डूब जाना चाहिए।”
- “मुस्लिमों की जनसंख्या तेजी से बढ़ना खतरनाक रुझान है, यह एक चिंता का विषय है, इस पर केंद्र सरकार को कदम उठाते हुए मुसलमानों की आबादी को काम करने की कोशिश करनी चाहिए।”
योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाके में बहुत ज्यादा प्रभाव रहा है। इससे पहले उनके पूर्वाधिकारी तथा गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त, महंत अवैद्यनाथ भी भारतीय जनता पार्टी से सन् 1991 तथा सन् 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।
दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने फायरब्रांड बयानों से दूरी बरत ली है और फिलहाल निवेश, सुरक्षा और प्रदेश के विकास पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।