जोशीमठ जहां आदि शंकराचार्य ने ज्ञान प्राप्त किया। वो जोशीमठ जो आज हिदूं स्सकृति औऱ धर्म कभी न अलग होने वाला हिस्सा बन चुका था। वो जोशीमठ आज लोगों को डरा रहा है। जोशीमठ डरा रहा है उन रहवासियों को जो कभी उसकी गोद मे पलकर बड़े हुए है वो जोशीमठ डरा रहा है उन पर्यटकों को उन धर्म प्रेमी लोगों को जो जोशीमठ आकर भोले बाबा के बद्रीनाथ धाम के दर्शन करते है और हिमाचल की खूबसूरत वादियों में फुरसत के पल गुजारते है। जोशीमठ की इस डरावनी तस्वीर से वहां की जनता और सरकार रूबरू हो रहे है। जोशीमठ में अब गृहमंत्रालय की टीम पंहुच चुकी है घरों को खाली कराया जा रहा है और खतरा बने चुके मकानों सड़कों होटलों को तोड़ा जा रहा है। देश के सबसे बड़े रोप वे को बंद कर दिया गया है। लेकिन क्या वजह रही है हिमालय की वादियों में बसे एस सुंदर कस्बे से प्रकृति खुद रूठ गई क्या वजह है कि हर पल ये खूसूरत कस्बा हिमालय की गोद मे समाता जा रहा है । क्या कारण है कि ,सालों तक अपनी गोद में बसाने के बाद प्रकृति ने इस कस्बे से मुंह मोड़ लिया।
जानें कौन सी हैं वो वजहें जिनके कारण डूब रहा जोशीमठ
1-जोशीमठ का अस्तित्व खतरे में है इस बात की चेतावनी 1976 मे ही दी गई थी
2 जोशीमठ पर मिश्रा कमेटी की रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि जोशीमठ को बचाना है तो किसी तरह का उत्खनन नहीं किया जाए. निर्माण कार्यों में मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाए.
पेड़ पौधो को बच्चों की तरह पाला जाए लेकिन जोशीमठ की जनता सहित सरकार ने भी उसकी अनदेखी की और आज जोशीमठ डूब का कगार पर हैं.
जोशीमठ को लेकर अगली चेतावनी 2021 में जारी की गई
2021 में चमोली मे हुए भूख्सलन के बाद उसी इलाके में कई सारी जगहों पर और भूस्खलन हुआ जोशीमठ भी उसका हिस्सा रहा।
उस वक्त जोशीमठ के लोगो ने घरों को लकड़ियों और पिलर के सहारे ख़ड़ा कर लिया।
समस्या का फौरी तौर पर निदान मिल गया औऱ समय के साथ लोग सब भूल गए
2022 में एक दल का गठन हुआ था विशेषज्ञो के इस दल की रिपोर्ट बहुत चौकाने वाली थी दल ने बताया कि प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनो ही कारणों से जोशीमठ और आसपास के कई इलाके डूब रहे हैं।
जोशीमठ नगर पालिका के सर्वे में भी ये बात आई कि 500 घरों मे दरारें आ चुकी हैं लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
2022 मे लगातार भूकंप के झटके आते रहे जो पहाड़ी इलाकों में बड़े भूगर्भीय संकेत दे रहे थे।
2022 में बाढ़ के दौरान इस बात की चेतावनी भी दी गई थी कि जोशीमठ डूब सकता है लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
पहाड़ों की छाती चीरकर लगातार बिल्डिंगे तैनात की जाने लगी। पर्यटकों को प्रकृति से जोड़ने के नाम पर भौतिक सुखसुविधाओं को तैयार किया जाने लगा और आज उसका नतीजा सबके सामने है।
जोशीमठ में जुटा प्रशासन
सरकार और प्रशासन कोशिशों में जुटे हैं। लगातार कोशिश चल रही है कि जोशीमठ को बचा लिया जाए। सारे निर्माण कार्य पर रोक लग गई है रोपवे और होटल बंद हो चुके है । अगर जोशीमठ डूबा तो अकेल एक कस्बा नहीं डूबेगा ब्लकि डूबेगा शंकराचार्य की ज्ञानभूमि डूबेगा वो खूबसूरत कस्बा जहां से आई टीबी की जवान देश की रक्षा करते है ख्तम होगा वो सुंदर कस्बा जहां की खूबसूरती से गुजरकर बद्री नाथ फूलों की घाटी और हेमकुंड जाते है। जोशीमठ को आज खाली कराया जा रहा है खतरनाक मकानों को तोड़ो जा रहा है लेकिन इन वादियों मे सालों तक जोशीमठ की यादें और बातें गूंजती रहेंगीपीढियों को बताया जाएगा कि कैसे इंसानी मौत का शिकार हुआ एक खूबसूरत कस्बा