इंदौर: इंदौर में 8 जनवरी से 10 जनवरी तक आयोजित हो रहे तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में विभिन्न देशों से आए प्रवासी भारतीयों का हुजूम उमड़ रहा है. सभी अतिथि मालवा इंदौरी व्यंजनों की परंपरा का लुत्फ भी उठा रहे हैं. प्रवासी भारतीयों के आगमन को लेकर इंदौर के मशहूर सराफा और छप्पन दुकान में खुशी का माहौल है.
सजी है छप्पन दुकानें
खान-पान के लिए मशहूर इंदौर के लोगों ने प्रवासी भारतीयों के स्वागत के लिए अपनी दुकानें सजा ली हैं और होर्डिंग्स लगा दिए हैं। सम्मेलन के एक दिन पहले 7 जनवरी को कई एनआरआई यहां पहुंचे और इंदौरी के दही-बड़े, कचौरी, टिक्की, इंदौरी डोसा, शिकंजी और जलेबी का लुत्फ उठाया. ठंड के मौसम में गरमा गरम गराडू का भी लोग खूब लुत्फ उठा रहे हैं.
पारंपरिक स्ट्रीट फूड का भी मिलेगा स्वाद
खाने के लिए मशहूर 56 दुकानों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. यहां के व्यापारी प्रवासी भारतीयों का तहेदिल से स्वागत कर रहे हैं। पिछले 45 सालों से फालूदा, मटका-कुल्फी और कोल्ड-कॉफी की दुकान चलाने वाले राकेश हसीजा कहते हैं कि हमारी आइसक्रीम, फालूदा और मटका कुल्फी बहुत मशहूर हैं और इनका अनोखा स्वाद प्रवासी भारतीयों का स्वाद बढ़ा देगा.
इसी तरह इंदौरी नमकीन बेचने वाले राकेश अग्रवाल ने भी प्रवासी भारतीयों के स्वागत के लिए कम मिर्च-मसाले वाला नमकीन बनाया है। यहां का बना इंदौरी डोसा आकर्षण का केंद्र होता है। इतना ही नहीं, चाट हाउस में टिकिया, पाव भाजी, सिगड़ी डोसा और इसी तरह के लजीज व्यंजन, गरमा गरम जलेबी, रबड़ी, गुलाब जामुन, मावा बाटी, गजर का हलवा और मूंग का हलवा विशेष रूप से प्रवासी भारतीयों के लिए तैयार किया जाता है।
सराफा में स्वादिष्ट समोसे और कचौड़ी की दुकान, विजय चाट हाउस, शिकंजी की दुकान और जोशी के दही बड़े आदि की दुकानों के संचालक काफी उत्साहित हैं और मेहमानों के स्वागत के लिए रजवाड़ा को दुल्हन की तरह सजाया गया है. शहर में स्वागत द्वार और रोशनी बता रहे हैं कि प्रवासी भारतीय हमारे दिल में हैं।
चटोरों का शहर है इंदौर
इंदौर चटोरों को शहर माना जाता है। इंदौर के लोग स्वाद के भी शौकीन हैं। इसलिए इंदौरा अपने खान पान के लिए मशहूर है। इंदौर के स्वाद और अंदाज पूरे देश में मशहूर है। प्रावसी भारतीयों के लिए उसी अंदाज में छप्पन दुकानों को सजाया और तरह तरह के इंडियन चाट इंदौरी स्वाद के साथ तैयार किए गए।