राजस्थान कांग्रेस की गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। अब गेहलोत गुट के विधायकों ने सचिन पायलट को ठेंगा दिखा दिया है। गेहलोत गुट के विधायकों ने अपने इस्तीफे वापस लेने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गेहतोत की जमकर तारीफ की और कहा कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा।
आश्वासन के बाद वापस लिए इस्तीफे
गेहलोत गुट के विधायकों ने इस्तीफे वापस ले लिए हैं। सूत्रों के मुताबिक इन इस्तीफों के वापस लेने के पहले विधायकों को इस बात का आश्वासन दिया गया है कि-प्रदेश में नेतृत्व नहीं बदलेगा। विधायकों ने प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के दौरे के बाद इस्तीफे वापस लिए हैं।
रंधावा ने सबसे अलग अलग की थी मुलाकात
जयपुर दौरे के दौरान रंधावा ने सी पी जोशी, गोविंद डोटासरा, अशोक गेहलोत और सचिन पायलट सबसे वन टू वन चर्चा की इसके बाद विधायकों ने इस्तीफे वापस लिए। रंधावा ने राजस्थान दौरे के समय मीडिया से बात की और कहा कि उनकी प्राथमिकता राजस्थान में पार्टी का संगठन मजबूत करना है।
23 जनवरी से है बजट सत्र
राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र 23 जनवरी से शुरू होगा। गेहलोत सरकार का ये आखिरी बजट है। इसके बाद साल के अंत में चुनाव होने हैं। सूत्रों की माने तो इस्तीफा वापस लेने वाले विधायकों ने कहा है कि उन्होंने आलाकमान के आश्वासन के बाद ही इस्तीफा वापस लिया है । जब उनको ये कहा गया कि बजट अशोक गेहलोत पेश करेंगे तब विधायकों ने अपने इस्तीफे वापस लिए।
तेवर दिखा रहे हैं गेहलोत गुट के विधायक
इस्तीफा वापस लेने के बाद गेहलोत गुट के विधायक तेवर दिखा रहे हैं। वो सचिन पायलट और उनके समर्थकों को लगातार कह रहे हैं कि 2023 के चुनाव अशोक गेहलोत के नेतृत्तव में ही होंगे। इस्तीफा वापस लेने वाले विधायक मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत का गुणगान करते नहीं थक रहे। उनका कहना है कि ऐसा विकास कार्य उन्होंने अपने सालों के सियासी करियर में नहीं देखा जैसा गेहलोत सरकार कर रही है।
हर साल सरकार बदलती है राजस्थान में
नवंबर 2023 में राजस्थान विधानसभा के चुनाव हैं। राजस्थान लोकतंत्र की प्रयोगशाला कहलाता है। यहां हर पांच साल में सरकार बदलती है। अगर इसी तरह के रवायत रही तो इस साल कांग्रेस की सरकार राजस्थान मे बदल सकती है। हांलाकि चुनाव के पहले कांग्रेस संगठन को मजबूत करने और राजस्थान कांग्रेस की गुटबाजी को खत्म करने पर जोर दे रही है।