दिल्ली के कंझावला एक्सीडेंट केस में रोज नए खुलासे हो रहे है। अब घटना के चश्नमदीद मिलने के साथ साथ घटना की शिकार अंजली की दोस्त भी मिली है। निधि के मुताबिक अंजली जब कार में फंस गई तो कार रोककर उसे बचाया जा सकता था लेकिन कार सवार नशे में धुत नौजवानों ने ऐसा नहीं किया। जिससे अंजली की दर्दनाक मौत हो गई।
निधि का बयान पूरी घटना को देखने का अंदाज भी बदल रहा है। मसलन
निधि ने कहा कि अंजलि ने बहुत शराब पी रखी थी।
अंजली शराब के नशे में स्कूटी चला रही थी.
अंजली और उसने मिलकर ओयो के जरिए होटल में रूम बुक किया और पार्टी की
अंजलि का अपने बॉयफ्रेंड के साथ झगड़ा हो गया था।
ऐसा न हो कि ये सारे बयान अंजलि के केसा का रूख ही बदल दें। उसका केस उसके निजी जीवन की बातों से प्रभावित न हो जाए। क्योंकि आमतौर पर हादसे की शिकार लड़कियां बाद में समाज की चरित्र चित्रण का शिकार होती हैं। ऐसे में निधि के
ये सारे बयान अंजली के केस के रूख को कहीं बदल ने दें। क्योंकि निधि की बातें कहीं न कहीं अंजली के निजी जीवन से जुड़ी बाते है और हकीकत तो येहै कि इन बातों से से ज्यादातर का उस घटना से कोई लेना देना नहीं जो अंजली के साथ घटी।
वो एक क्राइम था और इतना बर्बर था कि अंजली की लाश बिना कपड़ों के सड़क पर बिखरी मिली।