I C I C I-V i d e o c o n case वीडियोकॉन को लोन के धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने बड़ा एक्शन लिया हैै। ईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने यह गिरफ्तारी लोन धोखाधड़ी मामले में किया है। आइए जानते हैं कैसे चला ये पूरा खेल।
– मई 2018 में दिया था आईसीआईसीआई बैंक ने लोन
– वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का मामला
– लोन के मामले में थी कोचर की कथित भूमिका
– चंदा कोचर के पति को हुआ था लोन से लाभ
– लोन देने के बाद चंदा ले लिया था वीआरएस
– बैंक ने किया था बाद में चंदा कोचर को बर्खास्त
बता दें आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने यह गिरफ्तारी लोन धोखाधड़ी मामले में किया है। बैंक ने मई 2018 में वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये के लोन देने में कोचर की कथित भूमिका के बारे में शिकायत मिली थी। इसके बाद उनके खिलाफ जांच शुरू की गई थी। वीडियोकॉन को लोन देने से चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को भारी फायदा हुआ था। तो वहीं इसके बाद कोचर छुट्टी पर चली गईं। इतना ही नहीं समयपूर्व सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया। जिसे बैंक ने स्वीकार भी कर लिया था, लेकिन बाद में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। चंदा कोचर पर आरोप हैं कि उन्होंने भेदभाव किया और वीडियोकॉन ग्रुप को फायदा पहुंचाया।
ये है पूरा मामला?
दरअसल चंदा कोचर पर 2009 और 2011 के बीच वीडियोकॉन समूह के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत को लोन देने में आईसीआईसीआई बैंक में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। आरोप यह भी लगाया गया था कि वेणुगोपाल धूत ने I C I C I बैंक से ऋण प्राप्त करने के बाद N u p o w e r Renewables में करोड़ों का निवेश किया था। बता दें कि चंदा कोचर को इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने इसी मामले में 2021 में गिरफ्तार किया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने चंदा की बर्खास्तगी को बताया था वैध
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में चंदा कोचर की सीईओ पद से बर्खास्तगी को वैध करार दिया था। इसके साथ ही अदालत ने सेवानिवृत्ति के बाद के लाभ के लिए उनके अंतरिम आवेदन को भी खारिज कर दिया। बताया जाता है कि वेणुगोपाल धूत ने आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपए का ऋण प्राप्त करने के बाद कथित तौर पर नूपावर रिन्यूएबल्स में करोड़ों का निवेश किया था। चंदा कोचर और उनके पति के खिलाफ आरोप पत्र दायर करते हुए सीबीआई की ओर से कहा था कि आरोपियों ने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देने के लिए अन्य लोगों के साथ आपराधिक साजिश में निजी कंपनियों को कुछ ऋण स्वीकृत किए थे।
दरअसल I C I C I बैंक और वीडियोकॉन ग्रुप के निवेशक अरविंद गुप्ता ने चंदा कोचर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने वीडियोकॉन को 3250 करोड़ रुपये का लोन देने के बदले में गलत तरीके से निजी फायदा उठाया। ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये का लोन मिला था। यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का एक हिस्सा था। जिसे विडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था। इस लोन दिए जाने के करीब 6 महीने बाद वेणुगोपाल धूत ने अपने सहयोगी के जरिए सुप्रीम एनर्जी का मालिकाना हक दीपक कोचर की कंपनी को काफी सस्ते में दे दिया।
दीपक ने धूत के साथ शुरू की एक कंपनी
चंदा कोचर के पति दीपक ने वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के साथ मिलकर दिसंबर 2008 में नूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से साझा कंपनी बनाई थी। इस कंपनी में धूत, उनके परिवार के सदस्यों और करीबियों के पास करीब 50 फीसदी शेयर थे। बाकी के 50 फीसदी शेयर चंदा कोचर के पति दीपक कोचर उनके पिता की कंपनी पैसेफिक कैपिटल और चंदा कोचर के भाई की पत्नी के पास थे। जनवरी 2009 में वेणुगोपाल धूत ने N R P L कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने अपने लगभग 25 हजार शेयर दीपक कोचर को 2.5 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद N R P L को सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड से 64 करोड़ का लोन मिला। जो वेणुगोपाल धूत की ही कंपनी थी।
वेणुगोपाल की कंपनी के पास पहुंचे शेयर
मार्च 2010 के अंत तक अधिकतर शेयर सुप्रीम एनर्जी को ट्रांसफर कर दिए और सुप्रीम एनर्जी ने N R P L का ज्यादातर नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया। इसके बाद दीपक के पास कंपनी के सिर्फ 5 फीसदी शेयर ही बचे और करीब 94.99 फीसदी शेयर सुप्रीम एनर्जी के पास थे। इसके बाद आखिरी स्टेप बचा था जो आईसीआईसीआई से लोन मिलने के बाद पूरा हुआ। सुप्रीम एनर्जी ने सारी होल्डिंग अपने सहयोगी महेश चंद्र पुंगलिया को दे दी। उसके दो साल बाद पुंगलिया ने सुप्रीम एनर्जी कंपनी में अपना सारा स्टेक महज 9 लाख रुपये में 29 सितंबर 2012 से 29 अप्रैल 2013 के बीच दीपक कोचर की पिनेकल एनर्जी को दे दिया। बता दें कि 2012 में ही आईसीआईसीआई की तरफ से वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया था।