कार्मस की पढ़ाई के बाद चार्टेड अकाउंटेट की नौकरी करना किसे पसंद नहीं। लेकिन रांची के एक नौजवान को अपनी बेटी के व्यवहार के चलते खेती किसानी का ही फैसला किया। अब वो नौजवान खेती से पचास लाख रूपए साल के कमा लेते हैं। आइए बताते है आपको कि बेटी की किस बात से नौजवान राजीव बिट्टू इतनी चिंता में आए कि उन्होंने अपनी जिंदगी ही बदल दी।
तीन साल की बेटी की न से मिली खेती करने की प्रेरणा
राजीव बिट्टू पहले पेशे से सीए थे। सीए की पढाई करने के बाद वो हर मीने चालीस हजार कमा लेते थे। उस समय बिट्टू रांची में रहते थे। बिट्टू ने 2009 में शादी की और 2013 में अपनी तीन साल की बेटी के साथ गांव गए। बिहार के एक छोटे से गांव में उनकी बेटी को बहुत अच्छा लगा। वो सभी के साथ खेलती और बातें करती थी लेकिन वो किसी किसान की गोद में नहीं जाती थी। इसकी वजह किसान के कपड़ों में लगी मिट्टी। बेटी की इसी सोच का ठीक करने के लिए राजीव बिट्टू ने खेती करने का फैसला लिया।
राजीव को मिली लोगों की मदद
खेती करने के फैसले के बाद राजीव ने कई सारे लोगों से मदद ली। राजीव एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी गए वहां कई सारे प्रोफसर से मुलाकात की। इसके अलावा राजीव ने आसपास के गांव के किसानो से भी फसल के बारे में बात की और समझा की कैसे खेती की जाती है।
राजीव ने खेती के लिए जमीन लीज पर ली
राजीव ने खेती के लिए जमीन लीज पर ली। रांची शहर से तकरीबन 30 किलोमीटर दबर राजीव ने एक किसान से 10 एकड़ जमीन लीज पर ली। जमीन लीज पर लेते समय से शर्त थी कि लाभ का 33 प्रतिशत किसान को देना होगा। राजीव ने सबसे पहले खरबूत और तरबूज उगाए और इस फसल पर राजीव ने तकरीबन ढाई लाख रूपए खर्च किए. राजीव को इस फसल में 7-8 लाख का फायदा हुआ। राजीव की फसल 19 लाख रूपए में बिकी । उसके बाद राजीव ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब वो खेती में हर दिन नया प्रयोग करते हैं और उसका नतीजा भी बेहतर आया हर बार।
अब हर साल कमाते है पचास लाख का मुनाफा
अब राजीव बिट्टू अपनी खेती से हर साल लाखों रूपए कमाते हैं। 2016 तक राजीव खेती से 40-45 लाख रूपए कमाते हैं। अब राजीव लक्ष्य एक करोड़ टर्न ओवर हैं।