यूपी विधानसभा चुनाव में हार के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अभी चाचा शिवपाल यादव ने अखिलेश के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था और उनकी बीजेपी में शामिल होने की अलटलें चल थी. लेकिन अब रामपुर के सपा कार्यालय से अखिलेश यादव के खिलाफ खुलकर नाराजगी सामने आई है. आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली शानू ने अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
दरअसल, रविवार को रामपुर सपा कार्यालय में एक जनसमस्याओं को लेकर बैठक का आयोजन चल रहा था. लेकिन इस बैठक में आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली शानू ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को आड़े हाथों ले लिया. फसाहत अली ने कहा, जब अखिलेश ने कोरोना का टीका लगवाने से मना कर दिया था. उस वक्त आज़म खान ने भी जेल में कोरोना का टीका नहीं लगवाया. इसका नतीजा ये हुआ कि आजम खान मौत के मुंह में जाते-जाते बचे.
आजम खान नेमुलायम सिंह को बनाया CM
फसाहत अली शानू ने आगे कहा, हमने समाजवादी पार्टी के लिए खून का एक- एक कतरा बहा दिया. जब 1989 में अखिलेश यादव के वाजिद को कोई सीएम बनाने को तैयार नहीं था. तब आज़म खान ने मुलायम सिंह यादव को मुख्यमंत्री बनाया था. जब कन्नौन से आपने (अखिलेश यादव) चुनाव लड़ा तो आजम खान ने कहा था, टीपू को सुल्तान बना दो और जनता ने आपको सुल्तान (मुख्यमंत्री) बना दिया.
हमारे कपड़े से आती है बदबू
आजम खान के मीडिया प्रभारी यहीं नहीं रूके. उन्होंने यह तक कहा कि, उनकी बीजेपी से कोई शिकायत नहीं है, बल्कि उनकी शिकायत तो केवल समाजवादी पार्टी से है. क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष को हमारे कपड़ों से बदबू आती है. अखिलेश यादव हमारे मंच पर हमारा नाम नहीं लेना चाहते है शानू अखिलेश से इस कदर नाराज थे कि उन्होंने यह भी कह दिया कि, पार्टी को बनाने का सारा ठेका अब्दुल ने ले लिया है. दरी भी अब्दुल बिछाएगा. वोट भी अब्दुल देगा और जेल भी अब्दुल जाएगा. हमने आपको और आपके वालिद को मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन क्या आप अपना दिल बढ़ा करते आजम खान को नेता प्रतिपक्ष नहीं बना सकते.
आजम खान 2 साल से जेल में हैं बंद
बता दें कि आजम खान करीब ढाई साल से सीतापुर जेल में बंद हैं. भले ही उनके करीबियों ने पहली बार इस तरह खुलकर नाराजगी जाहिर की हो, लेकिन आजम खान के समर्थकों का यह दर्द काफी गहरा है. योगी सरकार बनने के बाद से ही आजम खान का बुरा दौर शुरु हुआ है. लेकिन अखिलेश यादव काफी हद तक इस मामले में चुप्पी साधे हुए है. ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है कि क्योंकि अखिलेश यादव केवल एक बार ही जेल में आजम से मिलने गए हैं. हालांकि अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि अखिलेश यादव आजम के समर्थकों के बयान पर क्या रिएक्शन देते हैं.