गुजरात चुनावों में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष का एक बयान चुनावों पर बड़ा असर डाल सकता है। बीजेपी इस बयान को पूरी तरह से कैश कराना चाहती है। बीजेपी चाहती है कि ये बयान चुनावों में वही पोलिटकल माइलेज दे जो 2017 में मणिशंकर अय्यर के बयान ने दिया था। यही वजह है कि बीजेपी ने बकायदा प्रेस कांफ्रेस कर विरोध जातया।
खड़गे ने प्रधानमंत्री की तुलना रावण से कर दी
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना रावण से की। खड़गे ने कहा कि – “हर चुनावों में कहा जाता है कि मेरी सूरत देखना” इसी बयान में खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना “रावण” से कर दी।
बीजेपी ने दर्ज कराई आपत्ति
बीजेपी ने खड़गे के बयान पर आपत्ति दर्ज कराई । बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि किसी तरह प्रधानमंत्री के लिए कांग्रेस की तरफ से इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है।
“नीच आदमी” की जगह लेगा “रावण”
2017 के चुनावों में ऐसा ही एक बयान था जिसके चलते कांग्रेस बैकफुट पर आ गई। 2017 के चुनावों के समय पाटीदार आंदोलन खत्म ही हुआ था। बीजेपी की 22 साल की सत्ता कांग्रेस छीनना चाहती थी, प्रचार जोरों पर था लेकिन इस दौरान कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर के एक बयान ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया। बीजेपी ने आपत्ति जताई और कांग्रेस को बैकफुट पर आना पड़ा।
क्या था 2017 का बयान
2017 का वो बयान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने दिया था। अय्यर ने चुनावी प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री के लिए नीच आदमी शब्द का इस्तेमाल किया। बीजेपी ने इस बयान का इस्तेमाल कांग्रेस के खिलाफ प्रचार में शुरू कर दिया। इस पर बवाल मचा और बवाल इतना बढ़ा की कांग्रेस को मणिशंकर अय्यर पर एक्शन लेना पड़ा।
“नीच आदमी “की तरह “रावण” भी क्या पोलिटकल माइलेज देगा
बीजेपी खड़गे के रावण के बयान को भुनाने के कोशिश में है। बीजेपी की कोशिश है कि कांग्रेस के इस बयान को उसी के खिलाफ चुनावों में इस्तेमाल करे। एक दिसंबर को पहले चरण की वोटिंग है और पांच दिसंबर को दूसरे चरण की वोटिंग है। 8 दिसंबर के नतीजों से साफ होगा कि रावण का बयान नतीजों में क्या रंग लाया।