बिहार विधानसभा चुनाव: कन्हैया की राजनीतिक यात्रा, जाने क्या दिला पाएंगे कांग्रेस को “ऑक्सीजन “
Bihar Politics: बिहार इस साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होना है। ऐसे में राज्य की सियासत में एक नया समीकरण उभरता दिख रहा है। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की ओर से बिहार में हाल ही में अपनी राजनीतिक यात्रा का आगाज किया गया है। इस राजनीतिक यात्रा का मुख्य उद्देश्य पलायन को रोकना और बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दों को आमजन के बीच उठाना है। यह यात्रा विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बन सकती है। जिससे कांग्रेस पार्टी राज्य में अपनी सियासी पकड़ को किसी तरह से मजबूत करने की कोशिश करती नजर आ रही है।
कांग्रेस को क्या चुनाव में मिलेगा लाभ?
कन्हैया की यात्रा बिहार में कांग्रेस की नई उम्मीद
चुनाव से कई महीने पहले कांग्रेस सक्रिय दिख रही
क्या यात्रा का बिहार चुनाव में मिलेगा कांग्रेस को लाभ?
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले कन्हैया कुमार की यह राजनीतिक यात्रा कांग्रेस के लिए राज्य में नई उम्मीद जगाने की कोशिश है। राज्य में दर्शन लंबे अरसे बाद पार्टी विधानसभा के चुनाव से कई महीने पहले सक्रिय दिख रही है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि क्या यह यात्रा कांग्रेस को लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ चुनाव में सीट शेयरिंग में मजबूत स्थिति दिला पाएगी? पिछली बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन कांग्रेस को केवल 70 में से 19 पर ही जीत मिली थी। इस बार कन्हैया की यात्रा यदि सफल होती है तो क्या कांग्रेस हार्ड बार्गेनिंग कर 70में से 40-42 सीटों पर दावा ठोक सकती है? या फिर पिता पुत्र लालू-तेजस्वी की जोड़ी कांग्रेस को एक बार फिर सीमित सीटों पर रोक देगी?
कन्हैया के सियासी कद होगी वृद्धि?
कन्हैया कुमार के लिए यह यात्रा एक सुनहरा अवसर है। बेगूसराय और दिल्ली में लोकसभा चुनाव 2024 में हार के बाद अब कन्हैया कुमार
की नजर बिहार की राजनीति पर है। अगर यह यात्रा युवाओं को जोड़ने में कामयाब होती है तो उनका बिहार में सियासी कद बढ़ सकता है। लेकिन अगर यह कोशिश नाकाम होती है तो उनका करियर खतरे में भी पड़ सकता है। कन्हैया पर राहुल गांधी का भरोसा साफ दिखता है। कहा जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यात्रा की सफलता पर वह इसमें शामिल भी हो सकते है। ऐसे में अब सवाल यह भी उठता है कि क्या कन्हैया कुमार बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन को तैयार कर पाएंगे?