बाबा महाकाल के आंगन में बरसा रंग और गुलाल, बाबा को भस्म आरती में अर्पित किया हर्बल गुलाल और मखाने की माला… उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में सबसे पहले धूमधाम से होली का त्योहार मनाया गया। भस्म आरती में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचे।
बाबा के आंगन में धूमधाम से मनाई होली
महाकाल मंदिर में होली की धूम
उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज 14 मार्च को होली का पर्व पारंपरिक उल्लास और भक्तिभाव के साथ मनाया गया। अल सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल को हर्बल गुलाल अर्पित कर होली पर्व की शुरुआत की गई। इसके साथ ही बाबा महाकाल को मखाने की माला चढ़ाई गई। पिछली बार हुई आज जानी की घटना से सबक लेते हुए महाकाल मंदिर प्रबंधन ने इस बार सुरक्षा कारणों से इस बार श्रद्धालुओं को गुलाल ले जाने की अनुमति नहीं दी। हालांकि इसके बाद भी भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं आई। बड़ी संख्या में मंदिर में भक्तों का सैलाब देखने को मिला।
इस बार लगाया बाबा महाकाल को लगाया हर्बल गुलाल
महाकाल मंदिर में भक्तों ने हर साल की तरह इस बार भी भगवान के साथ होली खेलने की इच्छा जताई। लेकिन पिछले साल हुई आगजनी की घटना के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी गई। इस बार इस बार भस्म आरती में भगवान महाकाल को विशेष रूप से हर्बल गुलाल अर्पित किया गया। श्रद्धालुओं को केवल दर्शन व आरती का लाभ मिला।
भस्म आरती बड़ी संख्या में पहुंचे बाबा के भक्त
फाल्गुन के रंगों का उत्सव होली हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। यूपी के कई जिलों में दोपहर दो बजे तक रंगों वाली होली का लुत्फ लोग उठाते नजर आएंगे वहीं दो बजे के बाद देर शाम तक अबीर-गुलाल लगाकर एक-दूसरे को त्योहार की लोग शुभकामनाएं देंगे।
होली की उमंग चारों तरफ नजर आ रही है। आज धुलेंडी के दिन सबसे पहले बाबा महाकाल की नगरी में रंग बरसा। सुबह चार बजे विशेष भस्म आरती की गई। जिसमें भगवान महाकाल को गुलाल अर्पित किया गया।
पुजारी और पुरोहित ने विशेष मंत्रोच्चार के साथ बाबा महाकाल को गुलाल अर्पित किया। इसके साथ ही होली महोत्सव की आधिकारिक शुरुआत की गई।
महिलाओं ने किया पूजन
इससे पहले बाबा महाकाल के मंदिर में होलिका दहन पर भी परंपरा का पालन किया गया। पुजारी परिवार की महिलाओं ने बाबा महाकाल की विशेष पूजा की। ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में कंडों की विशाल रंगोली सजाई गई। इसके बाद विधि-विधान के साथ पूजा कर होलिका दहन किया गया।
इस तरह उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में इस बार धुलेंडी पर रंग की परंपरा निभाई गई। पुजारी भगवान महाकाल को केवल प्रतीक स्वरुप हर्बल गुलाल और एक लोटा केसर से बना हर्बल रंग ही अर्पित कर सके। दरअसल यह निर्णय उज्जैन कलेक्टर और मंदिर प्रशासक नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में की गई मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया था। मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से रंगोत्सव के नाम पर रंग गुलाल के अत्यधिक प्रयोग पर रोक पहले ही लगा दी गई थी। इसके साथ ही नंदी हाल, गणेश और कार्तिकेय मंडपम सहित मंदिर परिसर में भी इस बार होली का रंग नहीं बरसा।