भारत के 25 से 30 फ़ीसदी युवा बच्चे पैदा करने के लायक नहीं है। भारत के युवाओं में इन दिनों इनफर्टिलिटी एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। चिकित्सा विशेषज्ञों का दावा है कि भारत में करीब 25 से 30 फ़ीसदी युवा पिता बनने के लायक नहीं हैं।
- भारतीय युवा भी बड़ी संख्या में स्पर्म फ्रीजिंग कर रहे
- स्पर्म एग फ्रीजिंग करने का बढ़ता चलन
- भारतीय महिलाओं में बढ़ रहा ‘एग फ्रीजिंग’ का ट्रेंड
- पांच वर्ष तक सुरक्षित रहते एग्स
- युवाओं में भी बढ़ रहा स्पर्म फ्रीजिंग का चलन
दरअसल बढ़ता प्रदूषण, बढ़ता तनाव, खराब जीवन शैली और देरी से शादी, मोटापा, धूम्रपान, शराब का सेवन इसकी एक मुख्य वजह है माना जा रहा है। ऐसे में भारतीय युवा भी बड़ी संख्या में स्पर्म फ्रीजिंग कर रहे हैं। युवाओं के बीच में यह एक बेहद लोकप्रिय विकल्प बनता जा रहा है।
दरअसल भारत में स्पर्म के सैंपल और कलेक्शन की प्रक्रिया में ही 10 से 15000 रुपए खर्च हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त 8 से ₹10000 तक सालाना खर्च हो जाता है। स्पर्म को 196 डिग्री सेल्सियस पर फ्रिज करके रखा जाता है। लिक्विड नाइट्रोजन के जरिए इसे सुरक्षित रखा जाता है।
भारत में एग फ्रीजिंग का बढ़ता चलन
महिलाओं के बीच गर्भधारण की समस्या भी काम नहीं है भारतीय महिलाएं भी एक फ्रीजिंग में बड़ी रुचि ले रही है दरअसल अंडाणुओं को सुरक्षित रखने के लिए आईबीएफ प्रक्रिया के जरिए गर्भधारण करने का एक प्रचलन भारत में तेजी से बढ़ता जा रहा है। भारत में महिलाएं अपने करियर और स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर युवावस्था में ही एक फ्रीजिंग करने लगी है। भारत में यह कारोबार तेजी से बढ़ता जा रहा है।
दरअसल एक महिला के लिए पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बनाए रखना बेहद कठीन होता है। यह उस समय और भी कठिन हो जाता है, जब बात आती है महिला के मां बनने की। मां बनने के लिए कई कामकाजी महिलाओं को अपनी नौकरी अपना प्रोफेशन तक छोड़ना पड़ता है। ऐसे में महिलाएं अपने करियर को दांव पर लगाकर अपने परिवार को प्राथमिकता देती हैं।
इसी को देखते हुए अब कई महिलाएं, खासकर वुमेन सेलिब्रिटीज ‘एग फ्रीजिंग’ तकनीक को अपनाती नजर आ रहीं हैं। जिससे उन्हें अपने करियर से ब्रेक न लेना पड़े। वे जब भी चाहें तब मां बन सकें। यह केवल शादीशुदा बुमेन सेलिब्रिटी ही नहीं अब तो आम भारतीय महिलाएं और बहुत सारी अविवाहित महिलाएं भी अब अपने एग्स फ्रीज करवा रहीं हैं। खासकर यंग वर्किंग प्रोफेशनल वुमेन के बीच यह चलन काफी तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है।
पहली बार 1986 में इस तकनीक का प्रयोग किया गया था। उस समय एक महिला फ्रीज किए हुए अपने एग से प्रेग्नेंट हुई थी। इसका पूरा श्रेय सिंगापुर के डॉक्टर क्रिस्टोफर चेन को दिया जाता है। इसके बाद साल 1997 में मिस वर्ल्ड बनीं डायना हेडन को भी एग फ्रीजिंग प्रोसेस से दो बार मां बनने का सुख मिला। वहीं साल 2016 में डायना हेडन को बेटी हुई और इसके बाद 2018 में उन्होंने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। जिनमें एक लड़के और लड़की को जन्म दिया था।