अवैध अप्रवासियों को डिपोर्ट कर अमेरिका ने पहुंचा दिया पनामा…पनामा की इस होटल में कैदियों की तरह रह रहे हैं अवैध अप्रवासी
अमेरिका की ओर से करीब 300 अवैध अप्रवासियों को डिपोर्ट कर पनामा भेजा गया है। यहां इन लोगों को एक बड़ी होटल में हिरासत में रखा है। इन अप्रवासियों में भारत के अतिरिक्त श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, चीन, वियतनाम और ईरान के लोग शामिल हैं।
इनमें से कई लोग ऐसे हैं जो अपने देश लौटने को तैयार नहीं हैं। यह लोग होटल की खिड़की से बाहर के लोग से मदद की गुहार लगा रहे हैं। कुछ लोगों की ओर से अपने हाथों में कागजों पर ‘हमारी मदद करें’ और ‘हमें बचाएं’ लिखकर खिड़की से दिखाया जा रहा है।
- पनामा की होटल में कैद अप्रवासी
- होटल की खिड़कियों पर खड़े होकर मदद मांग रहे अप्रवासी
- अवैध अप्रवासियों को होटल डिकैपोलिस में रखा गया
- अमेरिका से निकाले गए अवैध अप्रवासी
- अमेरिका ने 12 फरवरी को डिपोर्ट करना शुरू किया था
- 18 फरवरी को सभी अवैध अप्रवासियों को होटल लाया गया
- अवैध अप्रवासियों को कहना है
- वे अपने देश नहीं लौटना चाहते
- अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं अवैध अप्रवासी
‘प्लीज हमारी मदद करें’ लिखा कागज दिखा रहे - अवैध अप्रवासियों में ज्यादातर भारत
- नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान
- चीन, वियतनाम और ईरान के हैं
- पनामा में बिना कोर्ट के आदेश के 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में रखना गैरकानूनी
- पनामा सरकार ने मीडिया को अप्रवासियों से मिलने से रोका
- कड़ी सुरक्षा के घेरे में रखा गया
- होटल के बाहर सिक्योरिटी फोर्सेज तैनात
बता दें अमेरिका की ओर से अवैध अप्रवासियों को उनके देश डिपोर्ट करने के लिए पनामा को बतौर पड़ाव के रुप में इस्तेमाल कर रहा है। इसके लिए पनामा ही नहीं ग्वाटेमाला और कोस्टारिका के साथ भी अमेरिका ने करार किया है।
एक अप्रवासी ने की सुसाइड की कोशिश
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर भरोसा करें तो अप्रवासियों से मोबाइल फोन छीन लिए गए है। उन्हें एक होटल में बंधक बनाकर रखा गया है। इन लोगों को अपने वकील से भी मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इस बीच तनाव में आकर एक अप्रवासी ने तो होटल में ही सुसाइड करने की कोशिश भी की है। जबकि होटल से भागने की असफल कोशिश में एक अप्रवासी अपने पैर को तुड़ावा बैठा।
इधर पनामा के सुरक्षा मंत्री फ्रैंक अब्रेगो ने कहा है कि अप्रवासियों को सुरक्षा के चलते यहां हिरासत में रखा है। सभी अप्रवासियों को सभी जरूरी चिकित्सा सुविधा और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
पनामा के अधिकारियों से संपर्क में भारतीय दूतावास
भारतीय दूतावास की ओर से अपने लोगों की देखभाल के लिए पनामा के अधिकारियों से निरंतर संपर्क किया जा रहा है। भारतीय दूतावास की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा है कि पनामा के अधिकारियों की ओर से बताया है कि भारतीयों का एक समूह अमेरिका से वहां पनामा पहुंचा दिया गया है। उन सभी भारतीयों को भी एक होटल में पूरी सुरक्षा के साथ रखा गया है। दूतावास की टीम की ओर से कांसुलर एक्सेस भी प्राप्त कर लिया है।
बता दें फरवरी के शुरुआत में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो पनामा यात्रा पर पहुंचे थे। माना जा रहा है कि इस विजिट के दौरान ही पनामा को एक पड़ाव के तौर पर इस्तेमाल करने की सहमति बनी थी। इस दौरान आने वाला पूरा खर्च अमेरिका की ओर से वहन किया जाएगा।
अपने देश जाने को तैयार 171 अप्रवासी
पनामा के मंत्री फ्रैंक अब्रेगो की ओर से बताया गया है कि 300 अवैध अप्रवासियों में स 171 अवैध अप्रवासियों ने मर्जी से अपने देश जाने के लिए सहमति जताई है। वे तैयार हो गए हैं। जबकि 97 अवैध अप्रवासियों ने किसी और देश जाने की इच्छा जताई है। इन लोगों को कोलंबिया और पनामा बॉर्डर के करीब डेरियन जंगल में बने कैंप में ट्रांसफर कर दिया गया है। यहां से UN की रिफ्यूजी एजेंसी इन अवैध अप्रवासियों को दूसरे देश में ट्रांसफर की व्यवस्था करेगी।
बता दें अमेरिका 4 फरवरी से अब तक करीब तीन बार में 332 अवैध भारतीय अप्रवासियों को यहां भारत में डिपोर्ट कर चुका है। जानकारी के अनुसा अमेरिका से करीब 18 हजार लोगों को भारत भेजा जाएगा। जिनमें करीब पांच हजार लोग अकेले हरियाणा के रहने वाले हैं।
(प्रकाश कुमार पांडेय)