प्रयागराज महाकुंभ में इस सदी का सबसे बड़ा ट्रैफिक जाम लगा, जिसके चलते पूरे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई। आलम यह है कि प्रयागराज में जाम की वजह से MP तक के लोग हलकान हैं। इसी मुद्दे पर सियासत जारी है। जानते हैं महाकुंभ में लगे महाजाम का जिम्मेदार कौन है? और इस पर सियासत क्यों हो रही है।
- भयानक ट्रैफिक और अव्यवस्था…!
- ये महाकुंभ स्नान नहीं आसान…!
- UP-MP तक लोग हलकान…!
- महाकुंभ में महाजाम!
- महाजाम पर सियासत!
- जाम पर अखिलेश का बयान
- जाम में फंसे लोग…नहीं कोई देखभाल!
- जाम पर एमपी में भी संग्राम!
- जीतू पटवारी ने उठाए सवाल!
- कहा-एमपी में भी जाम…कहां है सरकार!
- जीतू के post पर सारंग का पलटवार
- कहा- विपक्ष बिना बात के मुद्दा बनाता है
तीर्थराज प्रयाग के महाकुंभ में इस सदी का सबसे बड़ा ट्रैफिक जाम लगा है। महाकुंभ में स्नान करने जाने वाले श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। पिछले तीन दिनों में सिर्फ प्रयागराज शहर में 15 लाख वाहन पहुंचे हैं। 25 दिन में जिस शहर ने 43 करोड़ 57 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की आवाजाही देखी है। उस तीर्थ में रविवार को एक दिन में करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
भीड़ और भयानक ट्रैफिक जाम की तस्वीरें देखकर दुनिया हैरान है। फिर भी आस्था के इस महाकुंभ में श्रद्धालुओं के जमावड़े का सिलसिला थमता नहीं नजर आ रहा है।
ये हाल तब हैं जब बुधवार 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा का पर्व स्नान शेष है। महाकुंभ प्रशासन से लेकर जिले की पुलिस तक की इस सैलाब को संभालने में परेशान है उसके पसीने छूट ही रहे हैं। प्रयागराज के आसपास के सरहदी जिलों से लेकर मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार के जिलों तक ट्रैफिक जाम ने अपना असर दिखाया है।
संगम तीर्थ पर तिल रखने की जगह नहीं है, लेकिन एक डुबकी की हसरत और महाकुंभ स्नान की चाहत में करोड़ से ज्यादा लोग रोज प्रयागराज मेला क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। मां गंगा की घाट की ओर जाने वाली हर सड़क श्रद्धालुओं से भरी है। अनवरत सैलाब बह रहा है। चंद किलोमीटर से लेकर सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पार कर प्रयागराज पहुंचने वाले श्रद्धालु अब पैदल चल चलकर निहाल हुए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं का सैलाब इस कदर शहर में उमड़ रहा है कि भीड़ को नियंत्रित करने में प्रयागराज का प्रशासन ही नहीं महाकुंभ प्रशासन तक के पसीने छूट रहे हैं। शहर के आधे से अधिक फ्लाई ओवर्स पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जा चुकी है। लेकिन भीड़ है कि थम नहीं रही है।
इसे लेकर अब सियासत भी गरमा रही है। प्रयागराज के हालात को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से लेकर तमाम विपक्ष के नेता लगातार योगी सरकार और मेला प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं। अखिलेश यादव का आरोप है कि जाम में फँसे लोग अपने वाहनों में क़ैद घंटों से क़ैद हैं। दैनंदिनी ज़रूरतों के लिए भी महिलाओं तक के लिए कोई स्थान नहीं है। कुछ लोग रास्तों पर बेसुध हो रहे हैं। उनकी देखभाल का कोई इंतजाम नहीं किया गया।
श्रद्धालुओं के मोबाइल फ़ोन की बैटरी ख़त्म हो गयी है। जिससे उनका अपने लोगों से संपर्क टूट गया। संपर्क और सूचना के अभाव में लोगों में बेचैनी बढ़ गयी है। हालातों पर क़ाबू पाने के लिए कोई ज़िम्मेदार मंत्री या व्यक्ति नहीं दिखाई दे रहा है। सपा का आरोप है कि मुख्यमंत्री तो पूरी तरह से नाकाम साबित हो ही चुके हैं। साथ ही प्रयागराज से संबंधित उपमुख्यमंत्री और कई जानेमाने मंत्रीगण नदारद हैं। जिन्हें जनता के बीच होना चाहिए था वो घरों में बैठे हैं। जो सिपाही, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी या सफ़ाईकर्मी दिनरात निष्ठापूर्वक भूखे-प्यासे डटे हैं। उनके भोजन पानी की कोई व्यवस्था दिखाई नहीं दे रही है।
अखिलेश पर पलटवार
अखिलेश यादव के इस आरोप पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कहना है। अखिलेश यादव महाकुंभ को लेकर अनर्गल प्रलाप बंद करें। संपूर्ण देश से श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं। सरकार और भाजपा कार्यकर्ता सेवा ही संगठन के संकल्प के साथ दिन-रात श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे हैं। आपकी राजनीति आस्था और व्यवस्थाओं को नीचा दिखाने तक ही सीमित रह गई है। महाकुंभ भारतीय संस्कृति का गौरव है। इस पर सवाल उठाकर आप अपनी संकीर्ण सोच ही दर्शा रहे हैं।