प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन हुए हादसे के बाद अब महाकुंभ मेला प्रशासन ने महाकुंभ में बसंत पंचमी पर हो रहे अमृत स्नान की विशेष व्यवस्था की है। आज सोमवार 3 फरवरी को यहां अमृत स्नान किया जा रहा है। जिसके लिए प्रशासन की ओर से नई व्यवस्था लागू की गई है। अमृत स्नान के दौरान प्रशासन ने पिछली बार हुई गलतियों से सीख लेते हुए कई बड़े बदलाव किये हैं।
- महाकुंभ में बसंत पंचमी पर अमृत स्नान
- यूपी सरकार ने किये इस बार खास इंतजाम
- पिछली बार की गल्तियों से लिया सबक
- मेला प्रशासन ने किये कई बड़े बदलाव
जिन-जिन जगहों पर जरूरत थी वहां व्यवस्थाएं मेला प्रशासन की ओर से दुरुस्त कर दी गईं हैं। मेला प्रशासन ने इसके लिए पहले से पूरा खाका तैयार किया था। इसके बाद जहां-जहां पर ज्यादा जरूरत थी वहां पर जवानों की तैनाती भी बढ़ाई गई। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मेला प्रशासन के अधिकारियों को सख्त आदेश दिए हैं। सीएम ने साफ शब्दों में कहा है कि इस बार किसी भी तरह की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महाकुंभ क्षेत्र में राज्य स्तर के कई बड़े अधिकारियों को तैनात किया गया है।
आज बसंत पंचमी के अमृत स्नान पर्व पर महाकुंभ क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ को एक जगह जमा होने से रोकने के लिए कई विशेष योजनाएं बनाईं है। आज बसंत पंचमी पर हो रहे अमृत स्नान पर्व को देखते हुए महाकुंभ प्रशासन की ओर से पुलिस के डिप्लॉयमेंट प्लान को और बेहतर बनाने के लिए 6 स्टेप्स की विशेष प्लान लागू किया है। इसके तहत सबसे पहले हाल में में सीएपीएफ और पीएसी कंपनियों का री-डिप्लॉयमेंट किया गया है। ज्यादा पुलिस अधिकारियों को तैनाती किया गया है। प्रयागराज महाकुंभ क्षेत्र में बैरियर के साथ बैरिकेडिंग को और भी अधिक मजबूत किया गया है। महाकुंभ क्षेत्र में लगे साइन बोर्ड्स की संख्या और पर्याप्त ऊंचाई बढ़ाई गई है। विजिवल स्थानों पर बोर्ड लगवाया गये हैं। इसके साथ ही संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है।
नए प्लान के तहत अखाड़ा क्षेत्र में सीएपीएफ की आधा दर्जन कंपनियों को हटाया गया है। उन्हें नई जगहों पर तैनात किया गया है। इसमें तीन कंपनी को दक्षिणी झूंसी मेला क्षेत्र में तो दो कंपनी उत्तरी झूंसी क्षेत्र में तैनात की गई है। दो प्लाटून शास्त्री पुल में तैनात की गई हैं। इनके अतिरिक्त एक-एक प्लाटून काली रैम्प से अपर संगम मार्ग क्षेत्र में और काली अपर संगम मार्ग से संगम क्षेत्र में लगाई गई है।