प्रयागराज महाकुंभ इस समय पूरे विश्व में चर्चा और आकर्षण का केन्द्र बन गया है। हर दिन यहां करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। ऐसे में विश्व भर की नजर इस महाआयोजन पर है।
- प्रयागराज में करीब 144 साल पूर्ण महाकुंभ
- 12 पूर्ण कुंभ के आयोजन के बाद महाकुंभ का आयोजन
- महाकुंभ बना दुनियाभर के लिए आकर्षण का केन्द्र
- 183 देशों के श्रद्धालुओं में यहां आने की जिज्ञासा
प्रयागराज महाकुंभ इस समय पूरे विश्व में चर्चा और आकर्षण का केन्द्र बन गया है। हर दिन यहां करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। ऐसे में विश्व भर की नजर इस महाआयोजन पर है। दरअसल 1200 साल पहले आदि गुरु शंकराचार्य ने प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत की थी। तब महाकुंभ के आयोजन के समय ग्रहों की जो स्थिति बनी थी वहीं स्थिति इस बार 2025 के प्रयागराज महाकुंभ में भी बनी। उस समय आदि गुरु शंकराचार्य की ओर से फैसला लिया कि जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होंगे तब कुंभ का आयोजन किया जाएगा। ग्रहों की यही विशेष परिस्थिति में इस प्रयागराज में भी महाकुंभ का आयोजन किया जा रह रहा है। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान ग्रहों की वही स्थिति है जिसकी गणना हजारों साल पहले भारत का सनातन विज्ञान कर चुका है।
प्रयागराज में करीब 144 साल के बाद यानि 12 पूर्ण कुंभ का आयोजन किये जाने के बाद अब महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। दरअसल हर 12 साल में एक पूर्ण कुंभ का आयोजन प्रयागराज में होता है। 12 पूर्ण कुंभ के बाद जिस तरह ग्रहों स्थिति महाकुंभ के लिए बनती है। इस समय भी सूर्य, चंद्रमा, शनि और वृहस्पति की स्थिति ठीक वैसी ही है जैसी 144 साल पहले थे। यानी 144 साल बाद ऐसी है बनी है जिसमें महाकुंभ का शुभ मुहुर्त किया गया। महाकुंभ में दुनियाभर से करीब 183 देशों के श्रद्धालुओं में यहां आने की जिज्ञासा दिखाई दी है।
महाकुंभ की आधिकारिक बेवसाइट की माने तो अब तक करीब 183 देशों के श्रद्धालु इस बेवसाईट पर अब तक विजिट कर चुके हैं। वहीं महाकुंभ के पहले ही दिन से एप्पल कंपनी के संस्थापक दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन जॉब्स यहां कल्पवास करने के लिए प्रयागराज पहुंची हैं। कल्पवास के दौरान वे महाकुंभ में 26 फरवरी तक संगम के तट पर भारत के साधु-संन्यासियों के संग रहकर कल्पवासी आध्यात्मिक ज्ञान हासिल करते हैं। इस दौरान परंपरा के अनुसार त्रिवेणी संगम में स्नान किया जाता है।
इस तरह का कल्पवास स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन जॉब्स कर रहीं हैं। बता दें वे निरंजिनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशनंद गिरि की शिष्या हैं। महाकुंभ के लिए प्रयागराज पहुंचने से पहले ही उन्होंने ने काशी में बाबा विश्वनाथ धाम के दर्शन किये थे। महाकुंभ में जहां लाखों विदेशी श्रद्धालु प्रयागराज के पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए आ रहे हैं, वहीं दुनिया भर के हर देश का बड़े से बड़ा मीडिया संस्थान भी महाकुंभ का महाकवरेज करने के महा उत्साह और महा आस्था के दर्शन के लिए पहुंचा है।
सनातन धर्म के इस महामेले में इस बार करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान और दर्शन करने की उम्मीद मेला प्रशासन की ओर से जताई जा रही है। महाकुंभ का शुभारंभ 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के शुभ मुहुर्त में हो चुका है। पहले दिन डेढ़ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई, जबकि अमृत स्नान के पहले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या साढ़े तीन करोड़ तक पहुंची थी। ऐसे में जाहिर सी बात है जिस महाकुंभ में केवल दो दिन में ही 5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान और दर्शन किये उस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकना स्वभाविक है।