2024 बीतने साथ ही 2025 में नई सुबह का स्वागत को लेकर उत्साह नजर आया। फिर साल 2025 की नई सुबह का आगाज होने वाला है। लेकिन जब पीछे पलटकर देखें हैं तो गुजरे साल 2024 ने हमें कुछ बेहतरीन उपलब्धियां भी दीं हैं तो कुछ खट्टे-मीठे अनुभव भी बीते साल में हासिल हुए है। इसके अतिरिक्त कुछ शख्स और हस्तियां ऐसी भी रहीं जिनका साथ बस साल 2024 तक का था। नया साल 2025 आ रहा है। बढ़ने से पहले एक बार फिर उन लोगों को याद कर लेते हैं जो अब नहीं रहे।
- रतन टाटा, श्याम बेनेगल, डॉ.मनमोहन सिंह,
- 2024 में कह गईं ये हस्तियां अलविदा
- साहित्य जगत में मुनव्वर राना— 14 जनवरी 2024
- उषा किरण खान— 11 फरवरी 2024
- मालती जोशी —15 मई 2024
- केकी एन दारूवाला— 26 सितंबर 2024
साल 2024 अब बीतने वाला है। यह समय अंतिम दौर में है। 2025 की नई सुबह का आगाज भी होने वाला है।ऐसे में पीछे पलटकर देखें तो जाते साल 2024 ने कुछ शख्स और हस्तियों को हमसे छीन लिया जिनका साथ बस इसी साल तक था। ऐसे में 2024 इतिहास में उन दिग्गजों को खोने के लिए भी याद किया जाएगा। जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया था। चाहे वो राजनीतिक क्षेत्र हो संगीत, कला, सिनेमा, साहित्य और व्यापार का क्षेत्र हो देश ने कई महान विभूतियों को 2024 में खो दिया।
पूर्व पीएम डॉ.मनमोहन सिंह और उद्योगपति रतन टाटा ने छोड़ा साथ
पूर्व पीएम और आर्थिक सुधारों के शिल्पकार रहे डॉ.मनमोहन सिंह का साल के अंतिम सप्ताह 26 दिसंबर को निधन हो गया। 1990 के दशक में डॉ.सिंह की नीतियों ने आर्थिक संकट से देश को उबारने में मदद की। उनकी नीतियों ने भारत का भविष्य बदल दिया। वहीं वर्ष 2024 में उद्योग जगत के दिग्गज माने जाने वाले रतन टाटा का निधन से भारत के कॉरपोरेट क्षेत्र में अपूरणीय क्षति रहा, जो शून्य पैदा कर गया। टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा ने भारतीय व्यापार को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयां प्रदान कीं। 9 अक्तूबर 2024 को आखिर को वो घड़ी आई जब दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा हमारा साथ छोड़कर चले गये।
संगीत और कला के क्षेत्र भी हुआ सूना
इस साल संगीत और कला जगत से भी कई बड़ी हस्तियों ने हम सभी को अलविदा कहा। चाहे वो तबला वादक ज़ाकिर हुसैन हों जिनका निधन 15 दिसंबर 2024 को हुआ तो शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान 9 जनवरी 2024, प्रसिद्ध गायक पंकज उधास 26 फरवरी 2024 और भरतनाट्यम नृत्यांगना यामिनी कृष्णमूर्ति का निधन 3 अगस्त 2024 को हुआ। ज़ाकिर हुसैन साहब ने तबले को वैश्विक पहचान दिलाई। अपने करियर में चार ग्रैमी पुरस्कार भी उन्होंने जीते थे। इसी तरह भोजपुरी और मैथिली लोकगीतों को लोकप्रियता दिलाने वालीं शारदा सिन्हा 5 नवंबर 2024 को हमारे बीच से चली गईं। उनके छठ गीतों को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा माना जाता है।
साहित्य जगत हुआ सूना
साहित्य जगत में प्रसिद्ध कवि मुनव्वर राना साहब 14 जनवरी 2024, केकी एन दारूवाला 26 सितंबर 2024, उषा किरण खान 11 फरवरी 2024 और मालती जोशी 15 मई 2024 जैसे नामचीन हस्तियों ने हमारा साथ छोड़ा। मुनव्वर राना साहब ने अवधी और उर्दू में अपनी कविता के जरिए हर दिल को छुआ था।
वहीं सिनेमा की दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले श्याम बेनेगल 23 दिसंबर 2024 और कुमार शाहनी 24 फरवरी 2024 जैसे प्रसिद्ध फिल्मकारों को साल 2024 में हमने खो दिया। श्याम बेनेगल को भारतीय समानांतर सिनेमा के स्तंभ कहा जाता है उनके “अंकुर”, “मंथन”, “माया दर्पण” और “कस्बा” जैसी कालजयी फिल्में हमेंशा उनकी याद दिलाती रहेंगी।
खानपान की दुनिया भी हुई गमजदा
खानपान की दुनिया में दमपुख्त शैली को फिर से जीवित करने वाले प्रसिद्ध शेफ इम्तियाज़ कुरैशी 16 फरवरी 2024 और सार्वजनिक कला को दुनिया में नई पहचान दिलाने वाले हनीफ कुरैशी 22 सितंबर 2024 को हमारे बीच से चले गये।
आकाशवाणी की पहचान बने और लाखों श्रोताओं के चहेते अमीन सयानी 20 फरवरी 2024 के निधन से रेडियो जगत ने भी अपना एक बड़ा सितारा खो दिया। गुजरते साल 2024 को इन दिग्गजों के दुनिया से जाने के गहरे दुख और उनकी छोड़ी गई विरासत को सहेजने के वर्ष के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।