बांस के हिरण…बांस की चिड़िया…क्या आपने देखी है, नहीं न…तो आ जाइये भोपाल में लगे अंतरराष्ट्रीय वन मेले में। यहां आपको बांस से बनी कई वस्तुएं नजर आएंगे। जो वन मेले में आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं। मेले में आयुर्वेदिक दवाईयों के अतिरिक्त कॉस्मेटिक के भी विभिन्न प्रोडक्ट्स की उपलब्धता हैं। मेले में बम्बू यानि बांस से बने हुए घरेलू सामान और खिलौने भी हैं। लकड़ी के खिलौनों की खूबसूरती अलग ही देखते बन रही है। खिलौनों में आप कलाकृति भी साफ तौर पर देख सकते हैं।
- भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय वन मेला
- महिलाओं की 50 फीसदी भागीदारी
- बांस की कलाकारी छाई
- हस्तकला का बेहतरीन प्रदर्शन
- मेले में उमड़ रही लोगों की भीड़
मेले में स्टाल लगाने वालीं मीना वर्मा ने बताया कि हस्तकला के जरिए सभी सामान तैयार किया गया है। इसमें मशीन का उपयोग नहीं किया जाता है। उन्होंने बताया वे हर साल मेले में स्टॉल लगाती हैं। बांस के खिलौने के साथ फर्नीचर भी तैयार किया गया है। वहीं मेले में आए खरीददारों में भी उत्साह देखा गया। सेवानिवृत्त वन अधिकारी देवेन्द्र प्रसाद शर्मा ने कहा यहां आकर उन्होंने बहुत सी सामग्री खरीदी है। आयुर्वेदिक उत्पाद की भी उन्होंने तारीफ की। साथ ही निशुल्क चिकित्सा शिविर को भी सराहा।
आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बनी दवा से उपचार
बता दें वन मेले में मध्यप्रदेश ही नहीं देश के विभिन्न प्रदेश से आयुर्वेद से संबंधित उत्पाद और प्रॉडक्ट रखे गए हैं। अंतरराष्ट्रीय वन मेले में आयुर्वेद प्लांट के महत्व और उनकी जानकारी दी गई है। लघु वनोपज संघ आधारित इस वन मेले की खूबसूरती बढ़ाता है। विंध्या हर्बल के प्रोडक्ट्स जहां बीमारी को जड़ से समाप्त करने और मरीजों को बेहतर इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवाईयों का संग्रहण है। यह दवाइयां आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बनती हैं।
सस्ते दामों पर आयुर्वेदिक लड्डू और ड्राई फूड
कॉस्मेटिक ऐसा जो आपके शरीर को नुकसान न पहुंचाएं। गोबर के गणेश और गौ मूत्र अपने आप में अनूठी चीज हैं। कई शोधों में गौ मूत्र को दवाई के तौर पर मान्यता मिली है। बता दें अंतरराष्ट्रीय वन मेले का आयोजन हर वर्ष किया जाता है। यहां राजस्थान, यूपी, छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों के भी आयुर्वेद सम्बंधित स्टॉल लगाए गए हैं। इस बार भी आयुर्वेदिक लड्डू और ड्राई फूड से बने प्रोडक्ट्स लोगों का आकर्षित कर रहे हैं। इसके साथ ही राजस्थानी अचार और घरेलू चटनी भी लोगों को पसंद आ रही है। यही नहीं वन मेले में आयुर्वेदिक डॉक्टर और और अनुभवी वैद्य भी फ्री सेवा दे रहे हैं। निःशुक्ल चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जहां पहुंचने वालों को उनकी बीमारी से निजात दिलाने के लिए वैद्य मौजूद रहते हैं।
23 दिसंबर को मेले का समापन
बता दें भोपाल में 10वें अंतर्राष्ट्रीय वन मेले का उद्घाटन 17 दिसंबर को राज्यपाल मांगूभाई पटेल और सीएम डॉ.मोहन यादव ने किया था। इस बार महिला सशक्तिकरण को लेकर वन मेले की थीम रखी गई है। मेले में करीब 300 स्टाल लगाए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय वन मेले का लुफ्त उठाने भोपाल शहर के लोग बड़ी संख्या में लाल परेड ग्राउंड पहुंच रहे हैं। हर साल लगने वाले वन मेले का इंतजार लोगों को रहता है। इस बार भी लोग आयुर्वेदिक दवाईयों के साथ दूसरी वस्तुएं खरीदते देखे जा सकते हैं।