प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में अस्थाई प्राथमिक विद्यालय बनाए गए हैं। संगम की रेती पर इस अस्थाई प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते बच्चों और पढ़ाने वाले शिक्षकों को आसानी से देखा जा सकता है। 13 जनवरी 2025 से शुरू होने जा रहे महाकुंभ के दौरान कल्पवास करने वाले कल्पवासियों, कामगारों और सफाई कर्मियों के साथ मेले में आये बच्चों की पढ़ाई अब नही रुकेगी। दरअसल प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025 न केवल धर्म के साथ अध्यात्म का केंद्र है। बल्कि इस बार यहां शिक्षा को लेकर भी एक नई पहल की जा रही है। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए महाकुंभ प्राइमरी स्कूलों की स्थापना की है।
- प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में अस्थाई प्राइमरी स्कूल
- संगम की रेती पर बने अस्थाई प्राथमिक विद्यालय
- प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाते टीचरों को आसानी से देखा जा सकता है
- 13 जनवरी 2025 से शुरू होने जा रहा है महाकुंभ मेला
- महाकुंभ मेला प्रशासन और शिक्षा विभाग की साझा पहल
- कामगारों और स्वच्छता कर्मियों के बच्चों की पढ़ाई में नहीं होगा गैप
- तीन महीने के लिए बनाए गए हैं यहां अस्थाई स्कूल
- यूपी की योगी सरकार ने कॉलोनी में ही खोले स्कूल
- महाकुंभ के दौरान मिलेगी यहां बच्चों को शिक्षा
- शिक्षा विभाग ने किये मेले के सभी सेक्टर्स में स्कूल शुरू
- कई शिक्षकों को भी नियुक्त किया गया है
दरअसल महाकुंभ मेला प्रशासन ने शिक्षा विभाग के साथ मिलकर एक अस्थाई प्राइमरी स्कूल की शुरुआत संगम क्षेत्र में की है। अब इस स्कूल में कामगारों और स्वच्छता कर्मियों के बच्चों की पढ़ाई में गैप नहीं भी होगा। अगले तीन महीने के लिए बनाए गए इस अस्थाई प्राइमरी स्कूल में महाकुंभ मेला में अपने माता-पिता के साथ आए बच्चे शिक्षा ग्रहण करते देखे जा सकेते हैं।
बता दें महाकुंभ मेला 2025 की तैयारी तकरीबन एक साल पहले से चल रही थी। अब 13 जनवरी 2025 से मेले की शुरुआत होने वाली है। लेकिन इस बार मेले में एक महीना पहले से ही मेले में काम करने वाले स्वच्छता कर्मी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आकर यहां परिवार सहित बस जाते हैं। दिसंबर ही नहीं जनवरी और फरवरी तक मेले में ही रहते हैं। इस 3 महीने के दौरान स्वच्छता कर्मी कुंभ मेला क्षेत्र की पूरी साफ सफाई का काम देखते हैं।
नहीं छूटेगी स्वच्छता कर्मी और कामगारों के बच्चों की पढ़ाई
सबसे खास बात उनके साथ सभी बच्चे भी अपनी पढ़ाई छोड़कर अपने माता-पिता के साथ महाकुंभ क्षेत्र में ही रहते हैं। महाकुंभ मेले में यह सफाई कर्मियों की सैनिटेशन कॉलोनी बसाई गई है। जहां सैकड़ों सफाई कर्मी अपने परिवारों के साथ आकर रुके हुए हैं। इस सैनिटेशन कॉलोनी में बड़ी संख्या में बच्चे भी अपने परिवार के साथ आये हैं। इन बच्चों में वे बच्चे भी शामिल हैं जो अलग-अलग जिलों के सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई करते हैं। चूंकि महाकुंभ मेला मार्च 2025 तक चलेगा। ऐसे में इनकी पढ़ाई न रुके इसके लिए सरकार ने इनकी कॉलोनी में ही स्कूल की शुरुआत कर दिया। जहां रहकर ये बच्चे न सिर्फ अपना कोर्स पूरा करेंगे बल्कि इन्हें मिड-डे-मील सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। इतना ही नही इन्हें यहां पढ़ाई का प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा।
पढ़ाई के साथ बच्चों को खेल-कूद का भी मौका
इतना ही नही महाकुंभ के दौरान शिक्षा विभाग मेले के सभी सेक्टर्स में स्कूल शुरू किया गया है। प्रत्येक विद्यालय में बाकायदा के स्कूल की तरह कई शिक्षक भी नियुक्त किया गया है। हर विद्यालय में वही शिक्षण सामग्री भी पढ़ाई जाएगी जो जनवरी और फरवरी में पढ़ाई जाती है। इसके अलावा शिक्षक छूटे कोर्स का रिविजन भी करवा रहे हैं। इनमें से ज्यादा बच्चे गरीब परिवारों से है। सरकारी स्कूलों में उन्हें कई तरफ की सहूलियत और साथियों के साथ खेल कूद का मौका भी मिल रहा है। महाकुंभ मेला प्रशासन की शिक्षा की इस पहल प्रदेश भर से आए स्वच्छता कमी भी सतुष्ट हैं। बता दे महाकुंभ मेला क्षेत्र में 10 हजार सफाई कर्मियों की तैनाती की जानी है। जिनमें से ज्यादातर दूसरे जिलों और से यहां आए हैं। सफाई कर्मियों के अलावा अन्य कामगार और सफाई कर्मियों के परिवार भी मेले में मौजूद हैं। ऐसे में काम के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई भी हो रही है। उनके लिए योगी सरकार की तरफ से बड़ा तोहफा होगा।
शिक्षा के प्रति योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रतिबद्धता
प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र में शिक्षा की यह पहल योगी आदित्यनाथ सरकार की सोच और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को तो दर्शाती ही है, सरकार की प्राथमिकता को भी दर्शाती है। राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार का यह प्रयास है कि श्रमिकों के बच्चे शिक्षा से वंचित न रहें। इन बच्चों को एक समृद्ध भविष्य की ओर ले जाया जा सके। ऐसे में महाकुंभ मेला क्षेत्र में धर्म, अध्यात्म ही नहीं यहां शिक्षा का भी अनोखा संगम समाज के विकास और समृद्धि के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर सामने आया है।