महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी का पूरा फोकस ओबीसी वर्ग के मतदाताओं पर है। बीजेपी ओबीसी मतदाताओं को अपनी ओर रिझाने की हरसंभव कोशिश करती नजर आ रही है। महाराष्ट्र में महायुति सरकार ने ओबीसी समुदाय के लिए कई बड़े ऐलान भी किए हैं। लेकिन अब महायुति सरकार में शामिल एनसीपी प्रमुख और राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार को ही इस बात का भरोसा नहीं है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में ओबीसी मतदाता बड़े पैमाने पर महायुति के साथ खड़े नजर आएंगे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या डिप्टी सीएम अजित पवार के इस बयान से राज्य के विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन को चुनावी और राजनीतिक नुकसान हो सकता है?
- महाराष्ट्र में है ओबीसी एक बड़ा समुदाय
- इसकी आबादी मराठा समुदाय से भी ज्यादा
- बीजेपी ओबीसी समुदाय तक पहुंची
- महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में 175 सीटों की पहचान
- 175 सीटों पर ओबीसी मतदाता असरदार
- मराठा समुदाय का ज्यादातर असर मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र में
डिप्टी सीएम का कहना है महायुति गठबंधन लोकसभा चुनाव में भले ही महाविकास अघाड़ी MVA से पीछे रह गया था, लेकिन अब महाराष्ट्र में हालात बदल गए हैं। डिप्टी सीएम पवार ने कहा कि उस समय MVA की ओर से संविधान बदलने और हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर नैरेटिव चुनाव के दौरान चलाया था। उस समय महाराष्ट्र के ओबीसी वर्ग ने भी एमवीए की इस चाल पर यकीन कर लिया था।
इसके साथ ही उस समय नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रारंभ आंदोलन के चलते भी ऐसे लोगों को यह भरोसा हो गया था कि उन्हें भारत से बाहर निकाल दिया जाएगा। जिसका विपक्ष की ओर से कहा गया कि एनडीए को लोकसभा की 400 सीट मिल गई तो वह नागरिकता संशोधन कानून लागू कर देगा। ऐसा ही करेगा ,लेकिन लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद यह सभी बातें निराधार साबित हुईं हैं। अब इन बातों का कोई मतलब नहीं है।
आम चुनाव में BJP को नुकसान
राजनीतिक दल 2024 में मिली सीटें 2019 में मिली सीटें
बीजेपी 9 23
कांग्रेस 13 01
एनसीपी 01 04
एनसीपी (शरद चंद्र पवार) 08 –
शिवसेना (यूबीटी) 09 –
शिवसेना 07 18
बटेंगे तो कटेंगे केवल उत्तर भारत में चल सकता है, महाराष्ट्र में नहीं
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पवार ने कहा महाराष्ट्र में आमतौर पर जाति के आधार पर मतदान को नजरअंदाज ही किया जाता है। एनसीपी मुखिया अजित पवार ने कहा एक समय था जब बीजेपी के पास एनएस फरांडे, गोपीनाथ मुंडे और अन्ना डांगे जैसे बड़े दिग्गज ओबीसी नेता हुआ करते थे। इससे वंजारी समुदाय भी एकजुट हुआ, लेकिन अब उन्हें ऐसा नहीं लगता कि उस हद तक अब ऐसा कुछ हो रहा है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने एक बार फिर जोर देते हुए कहा कि बीजेपी के वोट जिहाद के साथ बंटेंगे तो कटेंगे जैसे नारे उत्तर भारत में तो सुर्खियां बटोर सकते हैं, चल सकते हैं लेकिन महाराष्ट्र राज्य में इस तरह की बातें चुनाव में नहीं कहीं जानी चाहिए। अजित पवार ने कहा पीएम की ओर से एक हैं तो सेफ है का नारा दिया गया है और इसका अर्थ उन्होंने सभी को एकजुट रहने को लेकर कहा गया है।
(प्रकाश कुमार पांडेय)