राहुल गांधी का आर्टिकल..क्यों खफा हुई बीजेपी और एनडीए..राजघरानों ने भी तरेरी आंख…!
सिंधिया बोले राहुल केवल एक पुराने अधिकार का उत्पाद
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर परेशानियों में घिरते नजर आ रहे हैं। एक अंग्रेजी अखबार में छपे उनके एक आर्टिकल ने उनकी परेशानी खड़ी कर दी है। इस आर्टिकल की शुरुआती कुछ पंक्तियों को लेकर राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उदयपुर के राजा लक्ष्य सिंह मेवाड़ ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया है।
- राहुल गांधी ने किया राजघरानों को भी नाराज
- दीया कुमारी ने साधा राहुल पर निशाना
- शाही परिवारों को बदनाम करने की कोशिश
- शाही परिवारों के बलिदान से पूरा हुआ एकजुट भारत का सपना
- राहुल ने की ऐतिहासिक तथ्यों की अधूरी व्याख्या
- केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कसा गांधी सरनेम पर तंज
- राहुल गांधी नहीं हैं आत्मनिर्भर भारत के चैंपियन
- राहुल केवल एक पुराने अधिकार का उत्पाद हैं
- ‘गांधी’ से नहीं होती भारत की विरासत की शुरुआत या अंत
राहुल गांधी के लेख में वर्तमान व्यापार ही नहीं बाजार परिदृश्य पर विचार पेश किए गये हैं। अब राहुल गांधी के विचार बीजेपी ही नहीं एनडीए सरकार को पसंद नहीं आ रहे हैं।
राहुल ने आखिर क्या लिख दिया ?
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर अपने आर्टिकल को साझा करते हुए लिखा कि अपना भारत चुनें। निष्पक्ष खेल या एकाधिकार? योग्यता या रिश्ते? नौकरियां या कुलीनतंत्र? नवाचार या डरा-धमकाना?। राहुल गांधी ने लिखा है कि बहुतों के लिए धन या कुछ चुनिंदा लोगों के लिए? वे इस बारे में लिख रहे हैं कि व्यापार के लिए समझौता सिर्फ एक विकल्प ही नहीं है। यह भारत का भविष्य भी है।
राहुल गांधी ने अपने आर्टिकल में लिखा कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत को चुप करा दिया था। उसने यह अपने व्यापारिक कौशल से नहीं किया था बल्कि अपने दबदबे से कराया था चुप। कंपनी ने भारत के महाराजा और नवाबों के साथ साझेदारी की। रिश्वत देकर या धमकाकर भारत का गला घोंटने का काम किया। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत की बैंकिंग और नौकरशाही ही नहीं सूचना नेटवर्क को भी नियंत्रित किया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया और दीया कुमारी नाराज !
राहुल गांधी के आर्टिकल की पहली चार लाइनों को पढ़ने के बाद राजशाही परिवार के सदस्यों को नाराज कर दिया। बात करें राजस्थान की डिप्टी सीएम और गुलाबी शहर जयपुर के पूर्व शाही परिवार से ताल्लुक रखने वालीं दीया कुमारी की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेट फार्म के जरिए राहुल गांधी पर निशाना साधा। डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने लिखा कि वे संपादकीय में राहुल गांधी की ओर से लिखे आर्टिकल में भारत के पूर्व शाही परिवारों को बदनाम करने की कोशिश की है जो निंदनीय है। दीया कुमारी ने आगे लिखा कि भारत के पूर्व शाही परिवारों के बलिदान के कारण ही एकजुट भारत का सपना संभव हो सका है। ऐतिहासिक तथ्यों की इस तरह से अधूरी व्याख्या के आधार पर किए गए निराधार आरोप को वे अस्वीकार्य करती हैं।
वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी राहुल गांधी को उनके आर्टिकल के लिए पलटवार किया और सोशल मीडिया पर लिखा कि देश में नफरत फैलाने वालों को भारतीय गौरव और इतिहास को लेकर व्याख्यान देने का किसी तरह का कोई अधिकार नहीं है। सिंधिया ने कहा भारत की समृद्ध विरासत के बारे में राहुल गांधी का अज्ञान और औपनिवेशिक मानसिकता लगता है सभी तरह की सीमा को पार कर गई।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महादजी सिंधिया ही नहीं युवराज बीर तिकेंद्रजीत और कित्तूर चेन्नम्मा के साथ रानी वेल्लु नचियार का उल्लेख किया और लिखा इन जैसे सच्चे भारतीय नायकों ने भारत को आजाद कराने के लिए संघर्ष किया।
कांग्रेस के एजेंडे को किया उजागर
सिंधिया ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा है कि राहुल गांधी आत्मनिर्भर भारत के कोई चैंपियन नहीं हैं। वे महज एक पुराने अधिकार का उत्पाद भर हैं। भारत की विरासत की शुरुआत या अंत गांधी उपनाम के साथ नहीं होता । केवल पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही भारत की आजादी के वास्तविक योद्धाओं की कहानियों का जश्न मनाया जा रहा है। भारत के इतिहास का सम्मान करें। उसके लिए बोलने का दिखावा नहीं किया जाए।
(प्रकाश कुमार पांडेय)