उत्तरप्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच मुख्य मुकाबला नजर आ रहा है। सभी 9 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होगी। वैसे तो यह चुनाव विधानसभा की 403 सीटों में से सिर्फ 9 सीट पर ही है, लेकिन इस उपचुनाव को 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। इस बार चुनाव में कई नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
9 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिनके विधायक लोकसभा चुनाव में सांसद चुन लिए गए हैं। बता दें पिछली बार 2022 में 9 में 4 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा किया जबकि 5 विधानसभा सीट एनडीए के पास थी। इस बार सपा का पूरा जोर एनडीए की सीटों पर भी कब्जा करने पर है। बता दें लोकसभा चुनाव के साथ हुए विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को सफलता भी मिली थी। उसने एनडीए के कोटे की दुद्धी सीट पर कब्जा जमा लिया था।
- UP की 9 सीटों पर उपचुनाव
- क्या है सीटों के सियासी समीकरण
- सीसामऊ, फूलपुर सीट के क्या हैं मायने
- गाजिबाद विस…क्या हैं जातिगत समीकरण
- यूपी उपचुनाव कौन करेगा फतह…?
- किसकी लगेगी नैया पार…?
- चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले सियासत तेज
रालोद ने किया इस सीट पर दावा
यूपी में जिन 9 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होना है उसे लेकर सियासत तेज हो गई है। अब एक सीट पर रालोद ने ठोका दावा है। खैर विधानसभा सीट पर एनडीए गठबंधन के सहयोगी रालोद की ओर से दावा ठोका गया है। हाला ही में रालोद की बूथ कमेटी बैठक में ब्रज प्रांत अध्यक्ष ब्रजेश चाहर ने दावा किया था खैर विधानसभा पर उपचुनाव में रालोद मजबूती से लड़ेगी। अनूप प्रधान के हाथरस सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई है।
लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश के 9 विधायक सांसद निर्वाचित हुए थे। इन विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब सांसद बन गए हैं। इसके अलावा, सपा के एक विधायक इरफान सोलंकी को अयोग्य करार दिए जाने से उनकी सीट रिक्त है। इस तरह उत्तर प्रदेश की जिन 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। उनमें गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, खैर, करहल, कुंदरकी, कटेहरी, फूलपुर विधानसभा सीट से विधायकों के सांसद चुने जाने के चलते यह सीट खाली हुईं हैं। वहीं कानपुर जिले में शामिल सीसामऊ विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी विधायक हाजी इरफान सोलंकी के सजायाफ्ता होने के कारण रिक्त घोषित की गई है।
कटेहरी के जातिगत समीकरण
- • दलित- 90 हजार मतदाता
- • मुस्लिम- 50 हजार मतदाता
- • ब्राह्मण- 44 हजार मतदाता
- • कुर्मी- 40 हजार मतदाता
- • यादव- 28 हजार मतदाता
- • ठाकुर- 20 हजार मतदाता
- • राजभर- 17 हजार मतदाता
मीरपुर विधानसभा सीट का समीकरण
- निर्णायक भूमिका में मुस्लिम मतदाता
- क़रीब 1 लाख,40 हज़ार मुस्लिम
- जाट, गुर्जर, झोझा (मुस्लिम), कश्यप पाल मतदाता
गाजियाबाद विधानसभा सीट का जातीय गणित
- राजपूत- 5 लाख
- दलित- 5 लाख
- मुस्लिम- 4.50 लाख
- ब्राह्मण- 4.50 लाख
- वैश्य- 3 लाख
- जाट- 1 लाख
- त्यागी- 1 लाख
- पंजाबी- 1 लाख
करहल सीट पर जातिय समीकरण
- यादव- 40 फीसदी
- एससी- 17 फीसदी
- शाक्य- 13 फीसदी
- ठाकुर- 9 फीसदी
- ब्राह्मण-7 फीसदी
- अल्पसंख्यक- 6 फीसदी
- अन्य- 8 फीसदी
करहल में अखिलेश की नाक का सवाल
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के विधानसभा सीट से इस्तीफे के बाद खाली हुई करहल सीट पर इस बार चुनाव में मुलायम परिवार का अखाड़ा नजर आ रहा है। यह सीट अब तक सपा का गढ़ मानी जाती रही है। यहां से पिछली बार 2022 के चुनाव में अखिलेश यादव ने बीजेपी प्रत्याशी प्रो.एसपी सिंह बघेल को परास्त किया था। लेकिन, इस बार बीजेपी की ओर से मुलायम सिंह यादव के दामाद सांसद धर्मेंद्र यादव के बहनोई अनुजेश यादव को मैदान उतारा है। जिससे इस बार लड़ाई को बीजेपी ने रोचक बना दिया है।
मझवां विधानसभा सीट
- ब्राह्मण- 84 हजार
- दलित- 61 हजार
- बिंद- 60 हजार
- यादव- 35 हजार
- क्षत्रिय- 11 हजार
- भूमिहार- 20 हजार
- मौर्या- 33 हजार
- मुस्लिम- 20 हजार
- पाल- 20 हजार
- पटेल- 22 हजार
- प्रजापति- 10 हजार
फूलपुर विधानसभा जातिगत समीकरण
- अनसूचित जातीय- लगभग 75 हजार
- यादव- 70 हजार
- पटेल- 60 हजार
- ब्राह्मण- 45 हजार
- मुस्लिम- 50 हजार
- निषाद- 22 हजार
- वैश्य- 16 हजार
- क्षत्रिय- 15 हजार
मीरापुर विधानसभा सीट
- निर्णायक भूमिका में मुस्लिम मतदाता
- क़रीब 1 लाख,40 हज़ार मुस्लिम
- जाट, गुर्जर, झोझा (मुस्लिम), कश्यप पाल मतदाता
सीसामऊ में क्या कहता है जातिगत समीकरण
- मुस्लिम- 111000 मतदाता
- ब्राह्मण- 70000 मतदाता
- दलित- 60000 मतदाता
- कायस्थ- 26000 मतदाता
- सिंधी और पंजाबी- 6000 मतदाता
- क्षत्रीय- 6000 मतदाता
- ओबीसी वर्ग के 12411 मतदाता हैं
कुंदरकी सीट के जातिगत समीकरण?
- मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब- 55 फीसदी
- मुस्लिम मतदाता जीत-हार में निभाते हैं मुख्य भूमिका
सपा ने कसी मिशन उपचुनाव को लेकर कमर
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को मिशन दस के लिए दिशा निर्देश दिए है और पूरे दम से लगने को कहा है। सपा प्रमुख ने कोर संगठन के साथ ही फ्रंटल संगठनों को भी इन सीटों पर लगाया दिया है। अखिलेश यादव खुद उपचुनाव वाली इन 9 सीटों की लगातार विधानसभा वार समीक्षा कर रहे हैं। सपा की कोशिश उपचुनाव में अधिक से अधिक सीट पर जीत हासिल कर लोकसभा से मिले मोमेंटम को आगे भी बरकरार रखने पर है।
(प्रकाश कुमार पांडेय)