देश में अगले साल 2025 से जनगणना शुरू होगी। जिसमें जाति नहीं संप्रदाय को लेकर भी आपसे सवाल पूछे जाएंगे। जनगणना का काम पूरा होने पर वर्ष 2028 में लोकसभा सीटों का परिसीमन पूरा होगा। अब तक भारत में हर दस साल में जनगणना करायी जाती रही है, जो दशक के प्रारंभ में की जाती थी। जिसमें साल 1991 के बाद 2001 और 2011 में जनगणना की गई थी,लेकिन इस बार 2021 के बजाए अब 2025 में जनगणना होगी। इसके बाद हर दास साल में अगली जनगणना की जाएगी। जिसमें अगली जनगणना 2035, 2045 और 2055 में होगी। लोकसभा क्षेत्र का नया परिसीमन भी जनगणना पूरी होने के बाद शुरू होगा। लोकसभा सीटों के परिसीमन की प्रक्रिया को 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
- जाति नहीं पूछी जाएगी
- संप्रदाय पूछा जाएगा
- एक साल चलेगी जनगणना
आजादी से पहले आठ बार अंग्रेजों ने करायी थी भारत में जनगणना
1872
1881
1891
1901
1911
1921
1931
1941
आजादी के बाद 1951 में हुई थी भारत में पहली जनगणना
1951
1961
1971
1991
2001
2011
सूत्र बताते हैं कि अगले साल 2025 से शुरू होने वाली जनगणना 2026 तक चलेगी। भारत में हर 10 साल में जनगणना की जाती है। पिछली बार 2011 में जनगणना हुई थी। जिसके हिसाब से 2021 में अगली जनगणना होना थी। दरअसल 2021 में जनगणना का काम होना था, लेकिन उस दौरान कोविड महामारी के चलते इसे टाल दिया गया था। इसके चलते अब जनगणना का चक्र भी बदले जाएगा। अब अगली बार साल 2035 में जनगणना होगी।
- हर दस साल में होती है जनगणना
- अब तक दशक के शुरुआत में होती रही है जनगणना
- पिछली बार जनगणना 2011 में हुई थी
- 2025 के बाद अगली जनगणना 2035 में होगी
- 2035 के बाद 2045 और 2055 में जनगणना होगी
- जनगणना के बाद होगा लोकसभा सीटों का परिसीमन
- लोकसभा सीटों के परिसीमन प्रक्रिया 2028 तक पूरी होगी
जाति नहीं संप्रदाय को लेकर पूछे जाएंगे सवाल
विपक्षी की ओर से लगातार जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है लेकिन केन्द्र सरकार ने अब इसे लेकर कोई फैसला नहीं किया है। जनगणना में अमूमन धर्म, वर्ग से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। जनरल,एससी,एसटी और ओबीसी की गणना होती है। लेकिन इस बार जनगनाण वाले जब आपके दरवाजे पर आएंगे तो यह भी पूछा जा सकता है कि आप किस संप्रदाय के अनुयायी हैं। जैसे कर्नाटक में सामान्य वर्ग में आने वाले लिंगायत से जुड़े लोग स्वयं को अलग संप्रदाय के रुप में मानते हैं। कुछ इसी प्रकार से अनुसूचित जाति में रविदासी .के साथ वाल्मीकि भी जैसे कई अलग. संप्रदाय हैं। मतलब साफ है धर्म के साथ जातिवर्ग के साथ साथ संप्रदाय के आधार पर जनगणना कराये जाने को लेकर .केन्द्र की सरकार विचार कर रही है।
1872 में अंग्रेजों ने करायी थी भारत में पहली जनगणना
भारत में पहली बार जनगणना साल 1872 में जनगणना की गई थी। उस समय गवर्नर-जनरल लॉर्ड मेयो का शासन था। जिसके शासन काल के दौरान भारत में पहली बार जनगणना की गई। हालांकि भारत में साल 1881 में पहली संपूर्ण जनगणना आयुक्त डब्ल्यू.सी. प्लोडेन की ओर से कराई गई थी। इसके बाद हर 10 साल में एक बार जनगणना होती आ रही थी। बीच में कुछ गैप भी देखे गये। वहीं आजादी के बाद भारत में पहली बार जनगणना 1951 में जनगणना की गई थी। अब तक भारत में छह बार जनगणना करायी गई है।
(प्रकाश कुमार पांडेय)