महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद सरकार के बदलने का दावा किया है। साथ ही कहा कि इसका असर केंद्र की भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की स्थिरता पर भी पड़ेगा।चव्हाण ने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र में महिलाएं केवल ‘लड़की बहिन’ योजना के कारण भाजपा को वोट नहीं देंगी।
मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर विपक्ष के महा विकास अघाड़ी एमवीए गठबंधन में ‘तनाव’ पर उन्होंने कहा कि अब तक का फॉर्मूला यह रहा है कि सबसे अधिक सीटों वाली पार्टी को पद मिलता है।
जहां भाजपा शासित हरियाणा में अगले महीने चुनाव होंगे। वहीं महाराष्ट्र में चुनाव की घोषणा होनी बाकी है, जहां भाजपा, शिवसेना और राकांपा का ‘महायुति’ गठबंधन सत्ता में है।
इन दोनों राज्यों में सरकार बदलने से गठबंधन सरकार की स्थिरता पर सीधा असर पड़ेगा जो चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के समर्थन पर टिकी है। दोनों राज्यों में बदलाव होगा।
महाराष्ट्र में फिर लौटेगी कांग्रेस
अपने गृह राज्य में राजनीतिक स्थिति के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा महाराष्ट्र ने कभी भी उस तरह की खंडित राजनीति नहीं देखी है जो अब प्रचलित है। जहां राजनीतिक विभाजन के प्रत्येक पक्ष में तीन बड़ी पार्टियां हैं।
लोकसभा चुनाव में आगे रहा महा विकास अघड़ी
बता दें लोकसभा चुनावों में महाविकास अघाड़ी एमवीए को 48 में से 65 प्रतिशत सीट पर जीत मिली थी। जिसका अर्थ है कि 288 विधानसभा सीटों में से करीब 183 सीट एमवीए के खाते में गई। अब विधानसभा चुनावों में एमवीए का बेहतर प्रदर्शन होगा।। सरकार ने संबंधित मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया है लोगों को महंगाई, बेरोजगारी, किसान संकट, भ्रष्टाचार पसंद है।”
चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एमवीए गठबंधन भ्रष्टाचार पर ध्यान केंद्रित करेगा।
उन्होंने कहा ”शिवाजी महाराज की मूर्ति जो सिंधुदुर्ग जिले में गिरी थी, जिसके टेंडर में भ्रष्टाचार के आरोप के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।’ उन्होंने दावा किया कि जिस मूर्ति को बनाने में तीन साल लगने चाहिए थे, उसे तीन महीने में पूरा करने के लिए मजबूर किया गया।
उन्होंने कहा, ”शिवसेना और राकांपा के विभाजन के बाद पाला बदलने वाले विधायकों को मतदाताओं को जवाब देना होगा।’
राज्य कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के प्रमुख चव्हाण ने कहा कि पार्टी एक “गारंटी कार्ड” लाने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा वित्तीय सहायता महिलाओं का अधिकार है। इसे मुफ्तखोरी नहीं माना जा सकता यह महिलाओं द्वारा किए गए सभी अवैतनिक कार्य हैं। परिवारों की देखभाल करना और अगली पीढ़ी का पालन-पोषण करना।
चव्हाण ने कहा कि जीडीपी की गणना करते समय इस “अवैतनिक कार्य” को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा इसकी गणना की जानी चाहिए, और यह समाज को प्रदान की जा रही अवैतनिक सेवाओं के लिए परिवार की महिला सदस्य का अधिकार है।” उन्होंने दावा किया कि ‘लड़की बहिन योजना’ जैसी योजना कांग्रेस का विचार था, वादा किया गया था और लागू किया गया था। कर्नाटक और तेलंगाना में।
इतना ही नहीं चव्हाण ने कहा अब कोई सवाल नहीं है एमवीए को महाराष्ट्र में ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए। खासतौर पर सत्तारूढ़ महायुति दावा कर रही है कि लड़की बहिन योजना महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये का भुगतान किया जाता है। जो आने वाले चुनावों में गेमचेंजर साबित होगी।
चव्हाण ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है, और इसलिए उसके पास लड़की बहिन योजना के अलावा देने के लिए कुछ भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार बदलापुर मामले जहां स्कूल में दो किंडरगार्टन लड़कियों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था। शिवाजी महाराज की मूर्ति के संबंध में भ्रष्टाचार, किसान आत्महत्या और बेरोजगारी, शिक्षित युवाओं की समस्याओं में जवाबदेही से BJP बच नहीं सकती है।
चव्हाण ने कहा
लोकसभा में हार के बाद BJP को अचानक अपनी प्रिय बहनों ‘लड़की बहिन की याद कैसे आ गई ? कांग्रेस ने कहा उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस 2014 से पांच साल तक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन तब ऐसी कोई योजना पेश नहीं की गई थी और अब भाजपा घबराहट की स्थिति में सोच रही है कि महिलाएं 1,500 रुपये की सहायता के कारण उसे वोट देंगी।