गठबंधन टूटने को लेकर समाज वादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच बहसबाजी तेज हो गई। बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव में एक दिन पहले गुरुवार को जमकर वार और पलटवार हुआ है। इसके दूसरे दिन शुक्रवार को भी बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अखिलेश यादव पर हमला बोला। इतना ही नहीं अब इस बहसबाजी में सतीश चंद्र भी कूद पड़े हैं। सतीश ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अखिलेश यादव पर अटैक किया है।
क्यों टूटी गठबंधन की गांठ…सपा-बसपा में बहसबाजी
- अखिलेश पर मायावती के साथ सतीश का डबल अटैक
- मायावती ने अखिलेश यादव पर किया पटलवार
- अखिलेश यादव ने दिया था गठबंधन पर बयान
- 2019 लोकसभा चुनाव के गठबंधन पर दिया था बयान
- अखिलेश यादव के बयान पर बीएसपी ने किया पलटवार
- मायावती ने X पर पोस्ट के माध्यम से दी जानकारी
- ‘2019 गठबंधन में BSP-10, SP-5 जीत के बाद गठबंधन टूटा’
- ‘मेरे फोन का जबाव देना बंद कर दिया था अखिलेश यादव ने’
- ‘BSP सैद्धांतिक कारणों से गठबंधन नहीं करती’
- ‘गठबंधन के प्रति BSP ईमानदारी भी रहती है’
- ‘सपा के साथ 1993 और 2019 में हुए गठबंधन’
- ‘निभाने का भरपूर प्रयास किया गया’
- ‘किंतु बहुजन समाज का हित, आत्म सम्मान सर्वोपरि’
- ‘BSP जातिवादी संकीर्ण राजनीति के विरुद्ध है’
- ‘BSP में आपसी भाईचारा, राजनीति शक्ति बनाने का मूवमेंट’
उत्तरप्रदेश में सपा और बसपा के बीच सियासी गठबंधन के टूटने पर अब बहसबाजी तेज हो गई है। पहले बसपा प्रमुख मायावती ने गठबंधन के टूटने की वजह का खुलासा किया तो इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मायावती के खुलासे पर पलटवार करते हुए उन्हें जवाब दिया। अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायावती को फोन का जवाब न दिए जाने को लेकर पलटवार किया और कहा था कि हमने फोन किया था। अखिलेश ने कहा लोग कभी-कभी अपनी बात को छिपाने के लिए ऐसी बातें करते हैं।
‘बड़े उद्देश्य को लेकर BSP करती है गठबंधन- मायावती
वहीं अखिलेश पर अब मायावती और सतीश चंद्र ने डबल अटैक किया है। मायावती ने शुक्रवार को सोशल मीडिया एक्स पर एक के बाद एक कई पोस्ट की, जिसमें लिखा है कि बीएसपी सैद्धान्तिक कारणों से गठबंधन नहीं करती है। अगर बड़े उद्देश्यों को लेकर पार्टी कभी गठबंधन करती भी है तो फिर उस गठबंधन के प्रति ईमानदार भी जरूर रहती है। सपा के साथ साल 1993 और इसके बाद 2019 में गठबंधन किया था, जिसे निभाने का भरपूर प्रयास किया गया। लेकिन बहुजन समाज का हित और आत्म-सम्मान सर्वोपरि है।।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा बीएसपी जातिवादी संकीर्ण राजनीति के खिलाफ है। लिहाजा चुनावी स्वार्थ के लिए आपाधापी में किसी भी दल के साथ गठबंधन करने से अलग हटकर बहुजन समाज में आपसी भाईचारा बनाकर सियासी शक्ति बनाने का उनका मूवमेन्ट है। जिससे संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर का मिशन यानी सत्ता की मास्टर चाबी हासिल कर आत्मनिर्भर हो सकें।
अखिलेश ने नहीं की फोन पर बहनजी से बात-सतीश चंद्र
इधर सतीश चंद्र ने भी अखिलेश यादव को अपने निशाने पर लिया है। सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि वे सभी को यह बात अवगत कराना चाहते हैं कि साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन टूटने की वजह समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलश खुद हैं। जो मायावती ने अपनी पार्टी की ओर से जारी की गई एक पुस्तक में लिखा हैं। सतीश चंद्र ने लिखा कि बहन जी फोन करने से पहले उन्होंने फोन करने पर समाजवादी पार्टी प्रमुख फोन पर नही आए। इसके बाद पार्टी कार्यालय से भी फोन गया था। तब फिर भी फोन पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव से बात नहीं करायी।