पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर रेप-मर्डर मामला ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में राज्य की ममता बनर्जी सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है। रेप मामले के बाद से ही कोलकाता पुलिस ही नहीं आरजी कर मेडिकल कॉलेज प्रशासन और ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के नेताओं पर भी सवाल उठाये जाते रहे हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स के साथ पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका की सीबीआई और ईडी जांच कर रही है। इस मसले में अब टीएमसी का आपसी विरोध भी खुलकर सामने आ गया है।
- कोलकाता रेप केस में सीएम ममता बनर्जी का विरोध
- टीएमसी के नेताओं के विरोध का सामना कर रहीं ममता
- टीएमसी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने दिया पार्टी से इस्तीफा
- उन्हें मनाने की कोशिश जारी,सीएम ममता बनर्जी ने किया संपर्क
- ममता बनर्जी ने इस्तीफे पर विचार करने को कहा
- ‘सरकार’ कोलकाता रेप-मर्डर मामले में ममता सरकार के रवैये से हैं नाराज
ममता ने किया सरकार को फोन
जवाहर सरकार के इस्तीफे के बाद पश्चिम बंगाल में सियासत गहरा गई है। ऐसे में सीएम ममता बनर्जी ने स्वयं सरकार को फोन किया है। सीएम ममता ने जवाहर सरकार से इस्तीफे पर पुर्न विचार करने की सलाह दी है। बता दें टीएमसी की ओर से राज्यसभा सदस्य जवाहर सरकार दो दिन बाद 11 सितंबर को दिल्ली पहुंच रहे हैं। जहां वे राज्यसभा सचिवालय को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। बताया जा रहा है कि जवाहर सरकार ने कोलकाता आरजी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले को लेकर ममता सरकार के प्रति नाराजगी जताई है।
तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सांसद पूर्व नौकरशाह जवाहर सरकार ने कोलकाता रेप केस मामले को लेकर इस्तीफा दे दिया है। वे 11 सितंबर को दिल्ली जाकर राज्यसभा सचिवालय को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। इससे पहले राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। जिसमें कहा कि उन्होंने पिछले एक महीने से आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई रेप की घृणित घटना के खिलाफ हर किसी की प्रतिक्रिया को बहुत धैर्यपूर्वक देखा और सुना है। वे सोच रहे हैं कि आप पुरानी ममता बनर्जी की तरह क्यों नहीं कूदतीं। सीधे जूनियर डॉक्टर से इस मसले को लेकर बात क्यों नहीं करतीं हैं। राज्य सरकार अब जो दंडात्मक कदम उठाती नजर आ रही है वह कम ही नहीं बहुत देर से उठाए गए कदम हैं।
जवाहर को प्रदर्शन के विरोध पर आपत्ति
कोलकाता कांड के बाद से ही इसे लेकर विरोध प्रदर्शन को लेकर पर आपत्ति जताई जा रही है। शुरुआत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि लेफ्ट-बीजेपी का आंदोलन है। इसके पीछे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अशांति फैलाने का आरोप लगाया था। अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद उनकी पार्टी के नेता भी उसी सुर में बयान दे रहे हैं। राज्य सभा सांसद जवाहर सरकार का कहना है कि कहा कि मानना है कि इस आंदोलन में जो लोग उतरे हैं। वे स्टूडेंट गैर-राजनीतिक और स्वतःस्फूर्त तरीके से विरोध विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जिनका विरोध किया जाना गलत है। स्टूडेंट के प्रदर्शन का विरोध करना सही नहीं है।
दूसरी ओर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के नेता कुणाल घोष ने भी कहा कि जवाहर सरकार एक सम्मानित व्यक्ति हैं। इतना ही नहीं जवाहर सरकार देश के सर्वश्रेष्ठ नौकरशाहों में से एक रह चुके हैं। उन्हें अपने संबंध में किसी भी प्रकार का फैसला लेने लेने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि वह बस इतना कहना चाहते हैं कि जवाहर सरकार के पत्र की भावना से टीएमसी के नेता भी सहमत हैं। ऐसे में अबब सवाल उठता है कि यह उनका निजी फैसला है। घोष ने कहा वे भी न्याय की मांग करते हैं। समाज के साथ कंधा मिलाकर खड़े हैं। कोलकाता मेडिकल कॉलेज मामले में हम भी न्याय की मांग करते हैं। बता दें कुछ साल पहले जब राज्य में सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस पर विभिन्न मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे। उस समय भी जवाहर सरकार ने अपना मुंह खोला था। इस बार भी उन्होंने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया।
बगावत पर उतरे सुखेंदु शेखर रॉय
वहीं इसके पहले राज्यसभा के दूसरे सांसद सुखेंदु शेखर रॉय भी कोलकाता दुष्कर्म और हत्या मामले में अपनी आवाज उठा चुके हैं। जवाहर सरकार के इस्तीफे पर भी सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा उन्हें लगता है कि जवाहर सरकार एक जागरूक व्यक्ति हैं। उन्होंने जागरुक व्यक्ति के रुप में ही यह कदम उठाया है।
विरोध प्रदर्शन में लिया था ‘सरकार’ ने हिस्सा
सुखेंदु शेखर राय ने कहा जवाहर सरकार दरअसल एक पूर्व नौकरशाह हैं। विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का उन्होंने फैसला क्यों लिया था, यह बताते हुए ही उन्होंने पत्र में लिखा और उसमें बताया। वे अपने लक्ष्य पर कायम हैं। एक जागरूक नागरिक के रूप में उनका अस्तित्व डेढ़ अरब लोगों के बीच एक बिंदु की तरह ही है। आप नागरिक समाज के साथ रहें। वे अंतरात्मा की आवाज पर ऐसा कर रहे हैं। बता दें कि सुखेंदु शेखर रॉय ने कोलकाता रेप केस मामले की आलोचना की थी। उन्होंने रिक्लेम द नाइट प्रोटेस्ट का समर्थन करते हुए कहा था कि वह भी बेटी के पिता हैं। एक पोती के दादा हैं। वे जोधपुर पार्क में नेताजी की प्रतिमा के सामने धरने पर भी बैठे। इसके बाद 1 सितंबर को सुखेंदु ने बैस्टिल के पतन की याद दिलाई और एक्स हैंडल पर पोस्ट किया था।