जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 को देखें तो BJP, पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन बीच ही लड़ा जा रहा है। हालाँकि इनके अतिरिक्त कुछ और राजनीतिक पार्टियां मुकाबले को दिलचस्प बनाती नजर आ रही हैं। जो चुनाव में नए तरह के वादे गढ़ रहे हैं । जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर की प्रमुख पार्टियां किन मुद्दों को लेकर मुखर हैं। और कहां ये दल चुप्पी बरत रही हैं इस पर मतदाताओं की नजर है। अनुच्छेद 370 नहीं तो 371 पर चुनावी गुणा-भाग किया जा रहा है।
- J&K विधानसभ चुनाव
- दलों के दिल में कौन-कौन से मुद्दे
- किन मुद्दों पर मुखर हैं पार्टियां
- कहां साध हैं मौन ये दल
- नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी,
- उमर अबदुल्ला और महबूबा मुफ्ती
- 370 नहीं तो 371…J&K चुनाव
- पार्टियां किन मुद्दों पर मुखर और मौन?
जम्मू कश्मीर की घाटी में विधानसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार जोर पकड़ लिया है। है। BJP, पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट अकेले चुनाव लड़ रही है॔। जबकि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस एक चुनावी गठबंधन में बंधे हैं। दोनों साथ चुनावी मैदान में हैं। इन 4 पार्टियां के अलावा भी कुछ और अहम दावेदार विधानसभा चुनाव के दावेदार हैं.। इनमें – अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली अपनी पार्टी, सज्जाद लोन की पीपल्स कांफ्रेंस, बारामूला की सीट से उमर अबदुल्ला को हराने वाले इंजीनियर राशिद की आवामी इत्तेहाद पार्टी से चुनाव मैदान में हैं।
इनके अतिरिक्त गुलाम नबी आजाद की पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद के साथ मोहम्मद हुसैन की पार्टी पीपल्स मूवमेंट और प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी की ओर से भी अपने उम्मीदवार इस बार चुनाव में उतारे हैं, जो भले ही अपना खेल बनाए, लेकिन किसी दूसरे का खेल बिगाड़ जरूर सकते हैं। अब जबकि पहले चरण चुनाव के लिए होने वाले मतदान से पहले नाम वापसी और छंटनी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इनमें से कुछ पार्टियों के घोषणापत्र भी आ चुके हैं। आइये एक नजर डालें कि J&K चुनाव 2024 में प्रमुख पार्टियां किन मुद्दों पर मुखर हैं और कहां वे चुप्पी बरत रही हैं?
PDP कर रही भारत- पाकिस्तान के संबंधों की बात
4 प्रमुख क्षेत्रीय दलों की बात करें तो पहले नंबर पर पीडीपी ने UAPA और PSA के बाद कश्मीरी पंडितों को लेकर वादे किये है। पीडीपी की ओर से अपने चुनावी घोषणापत्र में कई वादे किये गये हैं। जिसमें अनुच्छेद 370, 35ए और भारत के साथ पाकिस्तान संबंधों से लेकर वादे किये तो वहीं कश्मीरी पंडितों की वापसी को लेकर पीडीपी ने अहम वादे किए हैं। जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का दावा और वादा पीडीपी कर रही है तो अनुच्छेद 370 और 35ए की वापसी के लिए केंद्र की सरकार पर पूरा दबाव बनाने की बात भी पार्टी की ओर से नए सिरे से दोहरा रही है।
इसके साथ ही पीडीपी भारत-पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक बातचीत को लेकर भी माहौल बनाने की बात कर रही है तो एलओसी के आसापास मुक्त व्यापार क्षेत्र यानी फ्री-ट्रेड बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने, पब्लिक सुरक्षा एक्ट बिना मुकदमे के गिरफ्तारी और नजरबंदी की अनुमति देने वाले कानून जिसमें यूएपीए और अफ्सपा AFSPA के साथ शत्रु कानून को पूरी तरह से खत्म करने का वादा पीडीपी कर रही है।
1 लाख कश्मीरियों को नौकरी का वादा
नेशनल कांफ्रेंस ने भी 370 और 35A को फिर से लागू करने और 1 लाख कश्मीरियों को नौकरी देने की बात कही है। नेशनल कांफ्रेंस ने चुनाव से पहले वादा किया है कि उनका गठबंधन कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान बातचीत के लिए दबाव बनायेगा। जम्मू कश्मीर के रहवासियों के लिए नौकरी और उनकी जमीन को संरक्षित करने के लिए राज्य में नए कानून बनाए जाएंगे। राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाएगा। इसके साथ ही पिछले पांच साल के दौरान नौकरी से हटाए गए सभी कर्मचारियों की समीक्षा को लेकर भी नेशनल कांफ्रेंस जोर शोर से सवाल भी उठा रही है।
नेशनल कांफ्रेन्स भी चाहती है अनुच्छे 370 की बहाली
नेशनल कांफ्रेंस ने अनुच्छेद 370 और 35A को फिर से बहाल करने के लिए घाटी में राजनीतिक संघर्ष करने का वादा और दावा किया है। अपने चुनावी घोषणापत्र में पार्टी की ओर से इन मुद्दों पर कभी भी खामोश न होने का भरोसा भी दिलाया है। उमर अब्दुल्ला कहते हैं 370 को निष्प्रभाव बनाने वाले केन्द्र सरकार के निर्णय को जायज ठहराने से बहुत पहले सर्वोच्च न्यायालाय तीन बार इसे बहाल रखने का आदेश दे चुका है। आर्टिकल 370 के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट के 3 फैसले आने के बाद भी भाजपा जब पीछे नहीं हटी तो फिर वे एक विपरीत फैसले के बाद पीछे क्यों हटेंगे। नेशनल कांफ्रेंस जमात-ए-इस्लामी पर बैन लगाने को भी गलत ठहराती रही है। इसके साथ ही कई नेताओं को चुनाव से पहले नजरबंद करने वाले कानून पब्लिक सुरक्षा एक्ट को पूरी तरह से समाप्त करने का दावा यह पार्टी कर रही है। वहीं पीडीपी की तरह नेशनल कांफ्रेंस ने भी कश्मीर में पंडितों को सम्मानजनक वापस बुलाने का दावा और वादा किया है।