महाराष्ट्र- एकनाथ शिंदे ने लिया बडा फैसला
मुंबई की एकनाथ शिंदे सरकार ने बडा फैसला लेते हुए महाराष्ट्र सरकार के 25 नेताओ की सुरक्षा को घटा दिया है। कई से सुरक्षा वापस भी ले ली गई है।
मुंबई सरकार की तीन सदस्यो की टीम ने बडा फैसला लेते हुए 25 नेताओ की सुरक्षा को कम किया है। मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव एडीजी होम और महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ की तीन सदस्यो की टीम ने इस बारे में फैसला लिया। कैटेगरी के तहत किसी को z से घटाकर y+ किया है तो कुछ की सुरक्षा को y से घटाकर x कर दिया है।
उद्दव और आदित्य ठाकरे की सुरक्षा में कमी
सरकार ने जिन नेताओ की सुरक्षा कम की है उनमें पूर्व मुख्यमंत्री उद्दव ठाकरे, पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे सहित उद्दव गुट के कई सारे नेता शामिल है। इसमे अलावा सुरक्षा कम होने वाले नेताओ में उद्दव गुट के एन सी पी के नेता कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शामिल है।
कुल 15 नेताओ की सुरक्षा को हटाया
एन सी पी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री छगन भुजबल की सुरक्षा को हटा दिया गया है। विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल, एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे और नवाब मलिक की सुरक्षा को हटा दिया गया है। कई सारे पूर्व मंत्रियो की सुरक्षा को भी हटा दिया गया है। जेल में बंद संजय राउत ,कलाबेन युवा सेने का वरूण देसाई और भास्कर जाधव की सुरक्षा को पूरी तरह से हटा दिया गया है। वही एन सी पी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल , कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की सुरक्षा को कम कर दिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री द्दव ठाकरे की सुरक्षा को कम किया है तो उनके निजी सचिव मिलिद नार्वेकर की सुरक्षा को बढा दिया गया है।इन सबके बीच मजेदार बात ये है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता शरद पंवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले की सुरक्षा मे कोई कमी नही की गई है।
सुरक्षा कटौती के फैसले पर राजनीति
सुरक्षा वापस लेने और कटौती के फैसले पर अब राजनीति गरमा रही है। एन सी पी नेता एकनाथ खडसे ने कहा कि जनप्रतिनिधी की सुरक्षा सरकार का काम है। खडसे की माने तो जिस तरह से सुरक्षा वापस ली गई है वो राजनीति से प्रेरित है। सुरक्षा वापस लेकर सरकार बदले की राजनीति से काम कर रही है।