हरियाणा विधानसभा की सरगर्मी अब तेज हो गई है। 5 अक्टूबर को होने वाले मतदान से पहले 10 साल से सत्ता चला रही बीजेपी इस बार सत्ता को बचाने की जद्दोजहद करती नजर आ रही है। बीजेपी ने राज्य में अपना किला ढहने से बचाने के लिए पत्ते खोल दिए हैं। राज्य में एंटी इनकंबेंसी यानी सत्ता के विरोध में लहर रोकने के लिए बीजेपी ने दर्जनों उम्मीदवार बदल दिये हैं।
- हरियाणा के लिए 67 नामों की BJP की सूची
- दो पूर्व सांसदों और एक राज्यसभा सांसद को टिकट
- सूची में 27 नए चेहरों पर भी दांव
- 3 मंत्रियों समेत 9 सिटिंग विधायकों का पत्ता काटा
- बीजेपी के ‘स्पेशल 67’ कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान
- करनाल नहीं लाडवा से चुनाव लड़ेंगे सीएम नायब सैनी
भाजपा की सूची में जहां दो पूर्व सांसदों और एक राज्यसभा सांसद को टिकट दिया गया है वहीं 27 नए चेहरों पर भी दांव लगाया गया है। राज्य में जाटों के वर्चस्व में अब तक नॉन जाट पॉलिटिक्स के साथ पिछड़ा वर्ग कार्ड को तुरुप का इक्का मानकर चल हीं बीजेपी ने अपने तीन मौजूदा मंत्रियों समेत 9 सिटिंग विधायकों का पत्ता काट दिया है। उन्हें टिकट नहीं दिया गया है। इस तरह से बीजेपी की ओर से तमाम अटकलों के बीच उसने चौंकाने वाली सूची जारी की है। जिसमें ‘स्पेशल 67’ कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान किया गया है।
करीब 30 फीसदी प्रत्याशी फ्रेश हैं,यानी नए चेहरे
बीजेपी प्रत्याशियों की लिस्ट के हिसाब से राज्य के आठ मंत्रियों को बीजेपी ने दोबारा टिकट दिया है। जबकि करीब 30 फीसदी प्रत्याशी फ्रेश हैं,यानी नए चेहरे हैं। इसमें 8 महिलाएं भी शामिल हैं। जाट बाहुल्य हरियाणा राज्य की सियासी शतरंज की बिसात पर गौर करें तो सीएम नायब सिंह सैनी चार दिन पहले तक यह कहते नजा आ रहे थे कि वे इस बार भी करनाल सीट से ही चुनाव लड़ेंगे, लेकिन पार्टी ने इस बार उनकी सीट बदल दी है। सीएम नायब सिंह सैनी की सीट बदलने वाले बीजेपी के कदम ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। सीएम नायब सैनी करनाल सीट से विधायक हैं, लेकिन इस बार बीजेपी लाडवा से चुनाव लड़ावाने वाली हैं। लाडवा विधानसभा सीट कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में लगती है।
इसकी पॉलिटिकल सिचुएशन पर गौर करें तो लाडवा विधानसभा सीट पर फिलहाल कांग्रेस का विधायक है। वहां के मौजूदा कांग्रेस के MLA मेवा सिंह एक बार फिर कांग्रेस की जीत रिपीट जैसे नारे का बुलंद करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में चुनाव की गंभीरता को समझते हुए बीजेपी ने लाडवा सीट से किसी अपने किसी ‘वजीर’ को लड़ाने के बजाए सीधे अपने राजा को ही मैदान उतार दिया है।
पार्टी ने दिया युवाओं को मौका
पीएम मोदी ने कुछ समय पहले मन की बात के पिछले एपिसोड में युवाओं को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया था। अब हरियाणा बीजेपी प्रत्याशियों की लिस्ट पर गौर करें तो लगता है पार्टी ने युवाओं पर फोकस किया है। बीजेपी की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट पार्टी ने पिछली बार लोकसभा के चुनावों में काट दिया था। अब पार्टी ने उन्हें विधायक का टिकट देकर चुनाव लड़ने का मौका दिया है। वरिष्ठ विधायक अनिल विज को फिर अंबाला सीट से टिकट दिया गया है। बताया जाता है कि अनिल विज पार्टी से खफा हैं। राजस्थान में इन तमाम अटकलों के बीच जिस तरह कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कभी कांग्रेस पार्टी का दामन नहीं छोड़ा ठीक उसी तरह अनिल विज कई बार नाराज,हरियाणा में भले ही पार्टी से वे कितना ही नाराज रहे हों लेकिन उन्होंने कमल निशान नहीं छोड़ा। जब राज्य में मनोहर लाल खट्टर के बाद बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया था तब भी विज आहत होकर पार्टी की मीटिंग ही छोड़कर चले गए थे, लेकिन उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी। ऐसे में पार्टी ने विज को अपनी पहली लिस्ट में उनकी पारंपरिक विधानसभा सीट से मौका देकर उनके मान-सम्मान को बरकरार रखा है।