Bangladesh के हालात क्या है विदेशी ताकतों का हाथ
बांग्लादेश मैं Prime Minister Sheikh Hasina को इस्तीफा देना पड़ा औऱ वो अपना देश छोड़कर भारत आ गई है। खबर है कि वो यहां से लंदन चली जाऐंगी। बंग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बाद हालात इतने बेकाबू हो गए कि सेना को मोर्चा सम्हालना पड़ा। आखिर बांग्लादेश में ये हालात क्यों बने और इन हालातों का भारत पर क्या कोई असर पड़ने वाला हैं । क्योंकि लगातार भारत के लगभग सभी पड़ोसी देशों में तख्ता पलट या तो हो चुका है या तख्ता पलट जैसे हालात बने।
भारत के पडोसी मुल्कों मे कहें तो पाकिस्तान जिसमें ज्यादातर चुनी हुई सरकार तख्ता पलट से ही हटती है। अफगानिस्तान में भी हाल ही में यही हालात देखने को मिले। श्रीलंका में भी राष्ट्रपति राजपक्षे को देश छोड़कर जाना पड़ा और पूरी जनता ने राषट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया। यही हालात बांग्लादेश में भी देखने को मिले।
भारत में बढ़ी चिंता और बार्डर पर सुरक्षा
बांगलादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद भारत में उच्चस्तरीय बैठके हुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत बांग्लादेश की गतिविधियों पर नजर बनाए है। वहां के घटनाक्रमों से भारत गातार अपडेट हो रहा है और सीधा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। बांग्लादेश की सीमा पर खासकर अलर्ट जारी कर दिया है।
दिल्ली में हैं शेख हसीना
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना इस वक्त दिल्ली में ही है। भारत उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्द है। शेख हसीना को सुरक्षित स्थान पर ठहराया गया है और धरती के साथ साथ हवाई मार्ग पर भी उनकी सुरक्षा की जा रही है। चौकसी के लिए राफेल विमानों को लगाया गया। सूत्र बताते हैं कि शेख हसीना के विमान के आने के पहले से ही उनका इंतजार किया जा रहा था। बिहार और झारखंड के आसमानों पर राफेल से उनके विमान के लिए सुरक्षा घेरा बनाया गया था। और नीचे की तरफ उड़ता एक विमान उड़ता देखकर उसको उतारने की अनुमति दे दी गई । विमान के नीचे उतरते ही शेख हसीना को सुरक्षा दलों नें घेर कर सुरक्षित जगह पहुंचा दिया।
बांग्लादेश मेम बने हालात क्या है विदेश ताकतों का हाथ
बांग्लादेश में जो हालात बने उसे लेकर जानकार अलग अळग राय दे रहे है। शेख हसीना के बेटे का आरोप है कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ इसके लिए विदेश ताकतें खासकर अमेरिका को जिम्मेदार देख रहे है। उनके बेटे के माने तो इसमें अमेरिका डिप्लोमेट डोनाल्ड लू का नाम भी आ रहा है। विपक्ष की नेता खालिदा जिया ने दिया आंदोलकारियों का साथ बागंलादेश में जो हालात बने उसकी शुरूआत आरक्षण को लेकर प्रदर्शन से शुरू हुई। बांगलादेश में आरक्षण को ख्तम करने को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था। लगातार चल रहा प्रदर्शन जुलाई मे हिंसक हो गया। शेख हसीना की पार्टी के नेताओं की भी लींचिंग हुई । कई फैकट्रियां जला दी गई। वहीं प्रर्दशनकारी बातचीत को तैयार नहीं थे। उनको विपक्ष की नेता खालिदा जिया का भी साथ मिल गया और साथ ही सेना ने आंदोलकारियों पर कारवाई करने गोली चलाने से इंकार कर दिया। इस दौरान सेना के अलटीमेटम पर शेख हसीना ने इस्तीफा दिया और भारत आ गई।