सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर एक बड़ा फैसला दिया। उसने कहा कि राज्य जो हमारे देश में हैं वे आरक्षण के अंदर भी कोटा दे सकते हैं। यानी जो ऐसी एसएसटी के लिए आरक्षण है। उसमें सब कैटिगरी बनाई जा सकती है। उसके अंदर कोटा निर्धारित किया जा सकता है। इसे लेकर सियासत गरमा गई है। 21 अगस्त को कई सारे संगठनों ने भारत बंद का ऐलान भी किया है।
- आरक्षण और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर घमासान
- केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान और मांझी हुए आमने सामने
- आरक्षण के मसले पर चिराग और मांझी आमने-सामने आए?
चिराग पासवान ने किया आरक्षण में आरक्षण का विरोध
इसी बीच बिहार में भी राजनीतिक गर्मा गई है।केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इस मुद्दे को लेकर विरोध दर्ज कराया है। चिराग ने कहा है कि वह पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। साथ ही चिराग पासवान ने जाति जनगणना की मांग का भी समर्थन किया है।
बता दें बिहार में आरक्षण और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सियासी घमासान मच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि देश में जो विभिन्न राज्य हैं वो भी आरक्षण के अंदर भी कोटा दे सकते हैं। यानी कोटे में कोटा। अब इसे लेकर सियासत तेज हो गई है। पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है।
चिराग पर भड़के केन्द्रीय मंत्री मांझी
वहीं आरक्षण में आरक्षण के मुद्दे को लेकर एनडीए में भी घमासान छिड़ा हुआ है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लेकर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान विरोध कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ एनडीए के ही दूसरे घटक दल हम के नेता केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी कोर्ट के फैसले का स्वागत और समर्थन करते नजर आ रहे हैं। जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान पर भी निशाना साधा और कहा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल केवल निजी स्वार्थ के लिए उठाया जा रहा है। मांझी ने यह भी कहा है कि पिछले 76 साल से केवल चार जातियां को ही एससी आरक्षण का लाभ मिलता रहा है।
चिराग पासवान की ओर से आरक्षण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका को दायर किये जाने की घोषणा की गई थी। इसपर जीतन राम मांझी ने उन पर हमला करते हुए कहा कि वे स्वार्थी हैं। मांझी ने कहा जो बढ़ा है। क्या वही और भी आगे बढ़ता रहेगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं।