भारत के इतिहास में 5 अगस्त की तारीख बेहद खास स्थान रखती है। 5 साल पहले जहां साल 2019 में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त किया था। तो वहीं साल 2020 में भी 5 अगस्त का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। दरअसल 5 अगस्त 2020 के दिन पीएम मोदी ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद 500 साल से चल रहे राम मंदिर निर्माण के विवाद खत्म करते हुए अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के लिये भूमि पूजन किया था।
- भारत के इतिहास में खास है 5 अगस्त की तारीख
- 5 साल पहले 5 अगस्त 2019 को लिया था मोदी सरकार ने बड़ा फैसला
- जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त किया
- साल 2020 में भी 5 अगस्त का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज
- 5 अगस्त 2020 के दिन पीएम मोदी ने रखी थी राम मंदिर निर्माण की आधार शिला
- SC के फैसले के बाद खत्म हुआ था 500 साल पुराना विवाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार साल पहले आज ही के दिन 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी थी। उसके के बाद से अब तक लगातार राम मंदिर का निर्माण जारी है। इस चार साल की अवधि में रामजन्मभूमि ही नहीं पूरी रामनगरी अयोध्या की तस्वीर बदल चुकी है। राम मंदिर निर्माण का काम अब अपने अंतिम चरण में है। आने वाले 5 महीने में मंदिर का शिखर भी पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। जिस पर भगवा ध्वज लहराता नजर आएगा।
5 अगस्त 2020 को रखी थी राम मंदिर की आधारशिला
5 अगस्त 2020 में अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए आधारशिला रखी गई थी। इस ऐतिहासिक घटना ने 500 साल से चले आ रहे इंतजार को समाप्त किया था। इस शुभ पल का इंतजार हिन्दू समाज पिछले 500 साल से कर रहा था। इस सपने को पूरा करने के लिए लगातार संघर्ष चला। न जाने कितने लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी दी। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया और पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण की आधार शिला रखी।
500 साल का इंतजार हुआ खत्म
मुगल आक्रांता बाबर के आदेश पर 1528 में उसके सिपहसलार मीर बाकी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बने प्रभु श्री राम के मंदिर को ध्वस्त किया था। फिर उस स्थान पर एक ढांचा खड़ा कर दिया गया था। जिसे बाद में बाबरी मस्जिद का नाम दिया गया। हालांकि कथित बाबरी ढांचे को 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने गिरा दिया गया था। इसके बाद भी कई साल तक मामला कोर्ट में चला। आखिरकार फैसला हिंदू समाज के पक्ष में आया, और अब अयोध्या में प्रभु श्री राम अपने मंदिर में विराजमान हो चुके हैं। 22 जनवरी 2024 के दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इसके बाद राम मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया।