18वीं लोकसभा के लिए हुए चुनावों के बाद लोकसभा और राज्यसभा का सत्र बुलाया गया था जो अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। बता दें 18वीं लोकसभा पहला सत्र जहां 24 जून को बुलाया गया था वहीं राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून से बुलाया गया था। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजु ने संसद के इस सत्र की कार्यवाही को लेकर बताया कि लोकसभा में पहले दो दिन नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई गई। 542 सदस्यों में से 539 सदस्यों ने शपथ ली है।
- 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव
- ओम बिरला को ध्वनि मत से अध्यक्ष चुने गये
- 27 जून को राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को किया संबोधित
- अभिभाषण में राष्ट्रपति ने दिया सरकार की पिछली उपलब्धियों का ब्यौरा
- राष्ट्र के विकास को लेकर रोडमैप का भी विवरण रखा
- राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई जोरदार बहस
- 68 सदस्यों ने बहस में हिस्सा लिया
- 50 से अधिक सांसदों ने पटल पर रखा अपना भाषण
इससे पहले राष्ट्रपति ने सदन के वरिष्ठ सदस्य भर्तृहरि मेहताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जबकि सुरेश कोडिकुन्निल, टी.आर. बालू, राधा मोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंद्योपाध्याय को ऐसे व्यक्तियों के रूप में नियुक्त किया गया था। जिनके समक्ष नए सदस्य शपथ ले सकते हैं और उन पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। 26 जून को लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव हुआ और ओम बिरला को ध्वनि मत से अध्यक्ष चुना गया। इसी दिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय कराया। 27 जून को राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 87 के तहत संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। जिसमें सरकार की पिछली उपलब्धियों का ब्यौरा दिया गया।
साथ ही राष्ट्र के विकास को लेकर रोडमैप का भी विवरण रखा गया।
प्रधानमंत्री ने अपने 27 जून को मंत्रिपरिषद का राज्यसभा में परिचय कराया। इसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 28 जून को दोनों सदनों में चर्चा शुरू होनी थी। लेकिन लोकसभा में व्यवधानों के चलते इस पर बहस 1 जुलाई को ही शुरू हो सकी। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने बहस की शुरुआत की थी।
लोकसभा में चर्चा का समर्थन बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने किया। करीब 68 सदस्यों ने इस बहस में हिस्सा लेकर अपनी अपनी बात रखी, जबकि 50 से अधिक सांसदों भाषण सदन के पटल पर रखा था। 2 जुलाई को 18 घंटे से अधिक चली चर्चा के बाद प्रधानमंत्री द्वारा बहस का उत्तर दिया गया। लोकसभा में लगभग 34 घंटे की अवधि में 7 बैठकें हुईं। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 28 जून को बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने चर्चा शुरू की थी। जिसका समर्थन कविता पाटीदार ने किया। इस तरह करीब 76 सदस्यों ने 21 घंटे से अधिक चली चर्चा में हिस्सा लिया। जिसका उत्तर प्रधानमंत्री मोदी ने दिया।