मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज सोमवार 1 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। विपक्ष के तेवर देखते हुए सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं, कांग्रेस ने राज्य की डॉ.मोहन सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दों को लेकर तैयारी की है, तो वहीं CM डॉ. मोहन यादव ने भी विपक्ष को दमदारी के साथ जवाब देने के निर्देश मंत्रियों को दिए हैं।
- एमपी विधानसभा के मानसून सत्र का आगाज
- डॉ.मोहन सरकार 3 JULY को पेश करेगी बजट
- मध्यप्रदेश का 19 दिवसीय होगा मानसून सत्र
- 3 जुलाई को पेश होगा मध्यप्रदेश का बजट
- MP सरकार का पहला पूर्ण बजट
- वर्ष 2024-25 का होगा पूर्ण बजट पेश
- तीन लाख 68 हजार करोड़ का हो सकता है बजट
- मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार
- नर्सिंग घोटाला मामले पर हंगामे के आसार
- आपराधिक घटनाओं के मामले को उठाने की तैयारी
- सत्तारूढ़ दल भाजपा ने भी की पलटवार की तैयारी
MP विधानसभा का मानसून सत्र आज 1 जुलाई से शुरू हो रहा है। जिसमें MP सरकार बजट पेश करेगी। सत्र के दौरान 14 बैठकें होंगी। इस दौरान विपक्ष ने भी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी कर ली है। विधानसभा के इस मॉनसून सत्र में विपक्ष पेपर लीक और नर्सिंग घोटाले जैसे मुद्दों को सदन में उठायेगा।
विपक्षी विधायकों ने पूरी तरह से सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है। विपक्ष ने सदन में नर्सिंग कालेज और चुनाव के समय की गई घोषणाओं को पूरा न करने के साथ अजजा और OBC के साथ महिलाओं के साथ हुए अत्याचार की घटनाओं को प्रमुखता से उठाने की तैयारी की है।
मंत्री पूरी दमदारी के साथ देंगे विपक्ष को जवाब
सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने भी विपक्ष को जवाब देने और पलटवार करने की तैयारी की है। सीएम ने अपने सभी मंत्रियों से कहा है कि वे विभागीय उपलब्धियों के साथ कांग्रेस सरकार के प्रदर्शन को आधार बनाकर अपनी बात दमदारी के साथ सदन में रखें। बता दें इस दौरान मोहन सरकार का पहला पूर्ण बजट भी तीन जुलाई को प्रस्तुत किया जाएगा।
कोई भी योजना बंद नहीं होगी। राज्य सरकार ने तय किया है कि पहले से संचालित किसी भी योजना का बंद नहीं किया जाएगा। बजट में लाड़ली बहना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, गेहूं पर प्रति क्विंटल 125 रुपये बोनस, पशुपालकों को दूध पर 5 रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि, रसोई गैस 450 रुपये के लिए अनुदान, किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण, छात्रवृत्ति, स्वरोजगार योजनाओं में अनुदान, सिंहस्थ और अधोसंरचना विकास से जुड़े कामों के लिए प्राथमिकता के आधार पर प्रावधान किए जाएंगे।