भारत में जब एनडीए का गठन हुआ था तब उस समय देश में अल्पमत की गठबंधन सरकारों का दौर चल रहा था। दशकों से कोई भी सरकार पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई थी। इस बीच सितंबर 1999 में जब अटल बिहारी वाजपेयी एनडीए के नेता बने और देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, तब नरेंद्र मोदी भाजपा के सबसे युवा महासचिव थे।
- 1999 में की थी मोदी ने भविष्यवाणी
- कहा था—राजनीतिक इतिहास में सबसे सफल गठबंधन होगा NDA
- 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी बने थे NDA के नेता
- अटलजी ने ली थी प्रधानमंत्री पद की शपथ ली
- 1999 में नरेंद्र मोदी थे BJP के सबसे युवा महासचिव
उस समय नरेन्द्र मोदी ने एक इंटरव्यू में NDA को लेकर भविष्यवाणी की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के राजनीतिक इतिहास में एनडीए सबसे सफल गठबंधन साबित होगा। नरेंद्र मोदी की यह भविष्यवाणी अब सच साबित हो रही है। क्योंकि देश में लगातार तीसरी बार एनडीए गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है। NDA ही देश में पहला गठबंधन था। जिसकी सरकार ने पूरे पांच साल तक चली।
10 साल सरकार में रहने बाद में भंग कर दिया गया UPA गठबंधन
हालांकि इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में गठित यूपीए गठबंधन ने भी पूरे दस साल सरकार चलाई। लेकिन दस साल सरकार में रहने बाद में यूपीए गठबंधन को भंग कर दिया गया। लेकिन एनडीए आज भी कायम है। नरेंद्र मोदी ने इंटरव्यू में एनडीए को ब्रॉड स्पेक्ट्रम यानी व्यापक गठबंधन बताया था और कहा था कि एनडीए का गठन किसी को हराने या किसी का रास्ता रोकने जैसी संकुचित सोच के साथ नहीं किया गया है। बल्कि एनडीए का उद्देश्य राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ देश को स्थिर शासन देना है।
दरअसल में साक्षात्कारकर्ता ने यह सवाल पूछा था कि एनडीए में शामिल दलों वैचारिक स्तर पर अलग- अलग है। ऐसे में कहीं यह गठबंधन देश के लोगों से वोटों की ठगी के लिए तो नहीं गठित किया गया है। इस सवाल के जवाब में बीजेपी के तत्कालीन युवा महासचिव नरेन्द्र मोदी ने कहा था यह वास्तव में एक प्रयोग है, जो भारतीय राजनीति के इतिहास में एक आदर्श उदाहरण के रूप में दर्ज किया जाएगा।
मोदी ने उस समय NDA को बताया था इंद्रधनुष
नरेन्द्र मोदी ने कहा था NDA एक इंद्रधनुष की तरह है। जहां सभी सात रंगों को एकसाथ देखा जा सकता है। यह इंद्रधनुष बना रहेगा और सूरज यानी अटल बिहारी वाजपेयी की किरणों में और चमकेगा। अब दशकों पहले गठबंधन को लेकर नरेंद्र मोदी का यह नजरिया आज मौजूदा दौर में भी यह बताता है कि नरेन्द्र मोदी गठबंधन की सरकारों के कामकाज के तरीकों से पूरी तरह से वाकिफ हैं। असल में जब एनडीए का गठन किया गया था तो उस समय बीजेपी के महासचिव के तौर पर नरेन्द्र मोदी गठबंधन सरकार के कामकाज को करीब से देख समझ रहे थे।