जेल में जन्मदिन मनाएंगे सिद्धू
सिद्धू की सियासत, बगावत से नवजोत का पुराना नाता
खेल और सियासत दोनों जगह विवादों में रहे सिद्दू
नवजोत सिंह सिद्धू के नाम से आज शायद ही कोई शख्स परिचित न हो।कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस में रहने वाले क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का 20 अक्टूबर को जन्मदिन है देश की राजनीति के साथ चलते हुए टेलीविज़न शो में सिद्धू कभी जज बन कर और कभी गेस्ट के रूप में आते रहे। जिसे लोगों ने काफी पसंद किया। लेकिनए इसी दौरान अपनी हरकतों या बयानों को लेकर सिद्धू लगातार विवादों का हिस्सा भी बने। साल 2004 में राजनीति में कदम रखने वाले सिद्धू का खेल के दिनों में भी विवादों से गहरा नाता रहा है। 1996 के इंग्लैंड दौरे से वो तत्कालीन कप्तान अजहरुद्दीन से बगावत कर दौरा बीच में ही छोड़ स्वदेश लौट आए थे इसे लेकर तब काफी बवाल मचा था। इतना ही नहीं इमरान खान और सिद्धू का क्रिकेटर के तौर पर पुराना नाता रहा था। ऐसे में 2018 में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने वो पाकिस्तान चले गए थे। यहां तक तो ठीक था पर उस समारोह में उनका पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा से गले मिलना लोगों को रास नहीं आया और इस तरह एक बार फिर से सिद्धू का नाम विवादों का मुद्दा बन गया।
बता दें भारतीय क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ने के बाद सिद्धू ने भारतीय राजनीति में भी खूब चौके और छक्के लगाए। सिद्धू ने अपना राजनीतिक करियर भारतीय जनता पार्टी के साथ शुरू किया था। लेकिन बाद में वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस में रहने वाले क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का 20 अक्टूबर को जन्मदिन है। वे 59 वर्ष के हो गए हैं। क्रिकेट के मैदान में अपने छक्कों के लिए मशहूर रहे सिद्धू ने राजनीति में हैट्रिक बनाया और अमृतसर से लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव जीते। सिद्धू के बारे में खास बात यह है कि क्रिकेट में भी उनका अपने कप्तान से विवाद हुआ और इस कारण अचानक संन्यास ले लिया और अब राजनीति के कैप्टन से भी उनका विवाद हुआ। बीजेपी छोड़कर वे कांग्रेस में शामिल हुए लेकिन कांग्रेस में भी उनकी पटरी नहीं बैठी। 2019 में सिद्धू ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर कमेंट किया कि वह पंजाब के कैप्टन हैं लेकिन उनके कैप्टन राहुल गांधी हैं। इतना ही नहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में सिद्धू ने बठिंडा में चुनाव प्रचार के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह पर बादलों के कारोबार में 75ण्25 की हिस्सेदारी बता कर मोर्चा खोल दिया था। लोकसभा में पांच सीटें हारने के बाद कैप्टन ने कैबिनेट मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया। सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग वापस ले लिया गया था। जिसके विरोध में सिद्धू ने कैबिनेट पद से इस्तीफा दे दिया। मंत्री पद छोड़कर सियासी संन्यास पर चले गए। फिर क्रिकेट मैदान में रिटायरमेंट से लौटे और उसी तरह सियासत में भी कमबैक कियाए लेकिन कांग्रेस और कांग्रेस के नेताओं से उनकी पटरी नहीं बैठी। इस बीच 34 साल पुराने एक मामले में कोर्ट ने एन्हें एक साल की सजा सुना दी। आज वे जेल में हैं।
किस मामले में सजा काट रहे हैं सिद्धू
सुप्रीम कोर्ट की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद सिद्धू ने 20 मई 2022 को एक स्थानीय अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.इसके बाद उन्हें पटियाला सेंट्रल जेल ले जाया गया था. कांग्रेस नेता को पहले इस मामले में एक हजार रुपये के जुर्माने के साथ छोड़ दिया गया था. दरअशल नवजोत सिंह सिद्धू की वजह से गुरुनाम सिंह नाम के 65 साल के एक शख्स की मौत हो गई थी