अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम विधानसभा चुनाव के परिणाम आ गए हैं। अरुणाचल की 60 विधानसभा सीटों में से बीजेपी 46 सीट जीतकर लगातार दूसरी बार राज्य में सरकार बनाएगी। उधर सिक्किम में सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा SKM ने 32 में से 31 सीटों पर जीत दर्ज की है। यहां एसकेएम फिर से सरकार बनाने जा रहा है। बता देंं इन दोनों ही राज्यों में पिछले 19 अप्रैल को वोटिंग हुई थी।
- सिक्कम में 25 साल सत्ता में रही SDF को एक सीट
- अरुणाचल में कांग्रेस को एक सीट
- अरुणाचल में बीजेपी ने जीती 60 में से 46 सीट
- भाजपा की अरुणाचल में लगातार तीसरी बार सरकार
- सिक्किम में सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को मिली जीत
- SKM ने 32 में से 31 सीट जीतकर रचा इतिहास
- 19 अप्रैल को हुई थी दोनों राज्यों में वोटिंग
मतगणना के चौंकाने वाले परिणाम सामने आए। बता दें अरुणाचल में 50 और सिकिम की 32 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई थी। जहां रविवाद 2 जून को सुबह छह बजे से मतगणना शुरू की गई। जिसमें अरुणाचल में भाजपा फिर प्रचंड बहुमत हासिल किया है। यहां की 60 विधानसभा सीटों में से भाजपा के 46 प्रत्याशी जीत हासिल कर चुके हैं।
वहीं सिक्किम में सिक्किम क्रांति मोर्चा के सामने कोई नहीं टिक पाया। यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ही जीरो पर नजर आए। कांग्रेस ने सिर्फ 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
बता दें सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग, उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी राय, पूर्व सीएम पवन कुमार चामलिंग और पूर्व भारतीय फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया सहित 146 उम्मीदवारों मैदान में थी।
एसकेएम और एसडीएफ की ओर से सभी 32 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे गसे थे। वहीं भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया इस चुनाव में बरफंग सीट पर हार गए हैं।
कौन हैं सिक्किम के तमांग
सिक्किम में एक बार फिर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा की सत्ता में वापसी हो गई है। क्लीन स्वीप करते हुए एसकेएम की जीत का जश्न मनाया गया। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग अपने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार नजर आ रहे हैं। 2019 में 17 सीटें हासिल कर राज्य में 24 से अधिक साल तक राज्य की सत्ता में रहने वाली चामलिंग सरकार को प्रेम सिंह तमांग ने सत्ता से बेदखल कर दिया था। बता दें तमांग कभी चामलिंग की अगुवाई वाले एसडीएफ के संस्थापक सदस्य रहे है, जिन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत कर 2013 में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा गठित किया था। तमांग ने एसडीएफ पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाया था। 2016 में तमांग को 1994 और 1999 के बीच सरकारी पैसे की हेराफेरी करने के लिए दोषी ठहराया गया। इसके बाद विधानसभा में उनकी सदस्यता भी समाप्त कर दी गई थी। सिक्किम हाई कोर्ट ने फैसले को बरकरार रखा जिसके कारण उन्हें समर्पण करना पड़ा।
पेमा के पिता दोरजी खांडू भी रहे थे सीएम
अरुणाचल प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री पेमा खांडू राज्य पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के बेटे हैं। पेमा खांडू पहली बार जुलाई 2016 में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। उस समय वे कांग्रेस में थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद पेमा सितंबर में पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल हो गए। फिर दिसंबर 2016 में भजापा का दामन थाम लिया। BJP में शामिल होने से पहले वे नबाम तुकी की सरकार में शहरी विकास, पर्यटन और जल संसाधन मंत्री थे।