सीबीआई दफ्तर पहुंचे डिप्टी सीएम सिसोदिया
क्या हे दिल्ली का आबकारी घोटाला ?
क्यों सीबीआई कर रही सिसोदिया से पूछताछ?
दिल्ली में केजरीवाल सरकार की शराब नीति को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में जांच कर रही सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को समन जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया। वे समन पर सीबीआई दफ्तर भी पहुंचे। लेकिन आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि सीबीआई ने सिसोदियो को गिरफ्तार करने के लिए बुलाया है। वहीं सीबीआई मुख्यालय पहुंचने से पहले मनीष सिसोदिया ने आम आदमी पार्टी के दफ्तर पहुंचकर नेताओं के साथ चर्चा की। यहां से वे आप नेताओं के साथ ही राजघाट भी पहुंचे। राजघाट पहुंचकर सिसोदिया ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। सिसोदिया ने इससे पहले कहा कि सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी की है। सिसोदिया का कहना है घर में छापामारा, गांव में रेड की लेकिन सीबीआई को कुछ नहीं मिला
पूरा मामला ही फर्जी- सिसोदिया
क्योंकि पूरा मामला ही फर्जी है। पूरे मामले को फर्जी बताते हुए सिसोदिया ने कहा कि ये उन्हें जेल में डाल रहे हैं। जिससे वे गुजरात न जा सकं। दिल्ली के डिप्टी सीएम ने कहा कि गुजरात में स्कूल का हाल बेहाल हैं। युवा बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात चुनाव में बीजेपी हार रही है। इसलिए उन्हें जेल में डालने की तैयारी की जा रही है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि गुजरात का चुनाव आम आदमी लड़ रहा है। इससे पहले मनीष सिसोदिया घर से तिलक लगाकरए मिठाई खाकर मुस्कुराते हुए सीबीआई दफ्तर के लिए रवाना हुए थे। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी मनीष सिसोदिया के आवास पर मौजूद थे। थे।
सिसोदिया पर हैं दो बड़े आरोप
दिल्ली सरकार की आबकारी नीति मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर दो प्रमुख आरोप हैं। पहला आरोप ये है कि जब आबकारी विभाग ने शराब की दुकान के लिए लाइसेंस जारी किए तो इस दौरान मनीष सिसोदिया की ओर से कुल प्राइवेट वेंडर्स को 144 करोड़ 36 लाख रुपये का फायदा पहुंचाया गया। क्योंकि इस दौरान इतने रुपये की लाइसेंस फी माफ कर दी। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को एक्साइज पॉलिसी केस में सीबीआई के समन देकर पूछताछ करने से पहले दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने हाल ही में पहली गिरफ्तारी की थी। ईडी ने मनीष सिसोदिया के करीबी समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया था। वहीं समन मिलने के बाद सिसोदिया ने एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा था कि उनके घर पर 14 घंटे सीबीआई रेड कराईए कुछ नहीं निकलाण् उनका बैंक लॉकर तलाशा। उसमें कुछ नहीं निकला। उनके गांव में इन्हें कुछ नहीं मिला। अब इन्होंने सीबीआई मुख्यालय बुलाया।
एफआईआर में सबसे उपर सिसोदिया का नाम
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस को लेकर सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में मनीष सिसोदिया का नाम सबसे ऊपर है। बाकी आरोपियों के नाम नीचे आ रहे हैं। ऐसे में तय है कि जांच के केंद्र में मनीष सिसोदिया ही रहने वाले हैं। बता दें इस मामले में जांच एजेंसी ने सिसोदिया के अलावा 14 और लोगों को आरोपी बनाया है। पूरे मामले में मनीष सिसोदिया पर दो प्रमुख आरोप हैं। पहला आरोप ये है कि जब आबकारी विभाग ने शराब की दुकान के लिए लाइसेंस जारी किए तो इस दौरान मनीष सिसोदिया की ओर से प्राइवेट वेंडर को 144 करोड़ 36 लाख रुपये का फायदा पहुंचाया ।क्योंकि इस दौरान इतने रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी। जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ। इसके अलावा मनीष सिसोदिया पर ये भी आरोप है कि उन्होंने कैबिनेट को भरोसे में लिए बगैर और उपराज्यपाल के बगैर फाइनल अप्रूवल के कई बड़े फैसले लिए।
उपराज्यपाल ने की थी सीबीआई जांच की सिफारिश
केजरीवाल सरकार की शराब नीति पर बीजेपी ने कई गंभीर आरोप लगाएते हुए सवाल उठाए थे। बीजेपी ने इस नीति में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद सीबीआई जांच के आदेश जारी किये थे। इस रिपोर्ट में नीष सिसोदिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए। दिल्ली का एक्साइज विभाग मनीष सिसोदिया के अधीन है। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद केजरीवाल सरकार ने इस शराब नीति को वापस ले लिया था। इसके बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के आवास पर छापेमारी की।