लोकसभा चुनाव के रण में हम बात कर रहे हैं जाट लैंड हरियाणा की जहां 25 मई को मतदान होगा। पिछली बार हरियाणा की सभी 10 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। इस बार उसने जेजेपी से गठबंधन तोड़कर अकेले चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है। वहीं कांग्रेस पहली बार आम आदमी पार्टी के साथ यहां पर चुनाव मैदान में नजर आ रही है। हालांकि अभी तक कोई प्रत्याशी उसने घोषित नहीं किया है।
- 25 मई को हरियाणा में होगा मतदान
- मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच
- बीजेपी ने घोषित किये सभी 10 सीटों पर प्रत्याशी
- कांग्रेस ने अब तक नहीं खोले अपने पत्ते
- वोट कटवा बनेगी इनेलो और जननायक जनता पार्टी
- एक दो सीट पर वोट काटेंगे इनेला और जजेपी के प्रत्याशी
- छोटे दल बिगाड़ सकते हैं बड़े दलों का सियासी गणित
- आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही कांग्रेस
- पिछली बार बीजेपी ने जीती थी सभी 10 सीटें
राज्य में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है हालांकि नेशनल इंडियन नेशनल लोकदल यानी इनेलो और जननायक जनता पार्टी जेजीपी मुख्य मुकाबले में तो कहीं नहीं है लेकिन एक दो सीट पर उनके प्रत्याशी वोट जरूर काट सकते हैं। यानी दोनों में से किसी एक का सियासी गणित यह छोटे दल बिगाड़ सकते हैं। हरियाणा में 25 मई को यहां पर मतदान होगा। ऐसे में सियासी जानकारों की माने तो हरियाणा में इस समय भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ हवा बहती हुई नजर आ रही है। लेकिन जो विरोध में हैं वे एक नहीं है। अलग-अलग गुटों और दलों में बैठे नजर आ रहे हैं। ऐसे में बीजेपी को नुकसान तो होगा लेकिन उतना नहीं। क्योंकि समस्या यह भी है कि जो विरोध में हैं वे एक नहीं है। इसके चलते ही कांग्रेस लोकसभा के लिए यहां अब तक अपने प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई है।
हरियाणा की राजनीति पर बात करें तो राज्य में लगातार दूसरी बार सभी 10 सीटों पर चुनाव जीतने के लिए भाजपा पिछले एक महीने से पसीना बहा रही है। उसने यहां पर प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं। नए सीएम नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर दो से सात बार रैली और जनसभा कर चुके हैं। इधर कांग्रेस 29 अप्रैल से पहले अपने प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी में है जबकि राज्य में 25 मई को मतदान किया जाएगा। कांग्रेस के प्रत्याशियों के अब तक सामने न आने पर प्रचार का रंग भी अभी एक तरफा ही नजर आ रहा है। प्रचार में बीजेपी ही अपने भगवा झंडा लहराती नजर आ रही है। हरियाणा में कांग्रेस की बात करें तो यहां हरियाणा कांग्रेस गठबंधन आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में पहली बार चुनाव लड़ रही है। उसने एक सीट आम आदमी पार्टी को दी है।
बीजेपी ने चार सांसदों के टिकट पर चलाई कैंची
भाजपा चुनाव से पहले अपने गठबंधन को तोड़कर सभी 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतर चुकी है। बीजेपी ने 10 में से मौजूदा 6 सांसदों को टिकट दिया है। यानी चार सांसदों के टिकट पर भाजपा ने कैंची चलाई है। इनमें से कुरुक्षेत्र से उद्योगपति और पूर्व कांग्रेसी नवीन जिंदल, सिरसा से पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर, हिसार से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला तो अंबाला लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया के निधन के बाद उनकी पत्नी बंतो कटारिया को चुनावी मैदान में बीजेपी ने उतारा रहा है। मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद मनोहर लाल खट्टर करनाल लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं । वर्तमान में सुपर सीएम के रूप में दिखाई दे रहे हैं मनोहर लाल खट्टर ही हरियाणा में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे के रूप में है। ऐसे में खट्टर रूठो को मनाने के लिए उनके घर तक जा रहे हैं।
पीएम के सहारे बीजेपी प्रत्याशी
हरियाणा में इस समय भाजपा की सरकार है और बीजेपी के प्रत्याशियों को सरकार के साथ कम का पीएम नरेंद्र मोदी का राम मंदिर का साथ ही सामाजिक स्कीम और विकास योजनाओं का को हम लोगों के बीच लेकर जा रही है वहीं विपक्षी दल कांग्रेस बेरोजगारी महंगाई किस कानून व्यवस्था के साथ ईडी और सीबीआई की रेड को मुद्दा बनाए हुए हैं। बीजेपी ने अपना पूरा फोकस जाट लैंड पर कर रखा है। जाट वोटो के आधार पर पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को परास्त करने में सफलता हासिल थी। ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी जाट वोट की तरफ उम्मीद की नजरों से देख रही है।