जम्मू कश्मीर में केन्द्र सरकार की ओर से लागू किये गये अफस्पा कानून को हटाने और सैनिकों को तैनात करने लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया है। अमित शाह ने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद केन्द्र सरकार जम्मू-कश्मीर में अफस्पा को हटाकर स्थानीय पुलिस के हाथ में कानून-व्यवस्था को पूरी तरह देने पर विचार करेगी।
- 370 के बाद जम्मू-कश्मीर से हटेगा AFSPA
- मोदी सरकार हटायेगी अफस्पा कानून
- केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा एलान
- AFSPA का हो रहा है जम्मू कश्मीर में विरोध
- आम चुनाव के बाद हटेगा जम्मू-कश्मीर से AFSPA कानून
- केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा ऐलान
- AFSPA कानून के तहत मिलते हैं सुरक्षा बलों को विशेष अधिकार
- गोली मारने तक के अधिकार देना है अफस्पा कानून
- आम चुनाव के बाद हटेगा जम्मू-कश्मीर से AFSPA कानून
- केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा ऐलान
- AFSPA कानून के तहत मिलते हैं सुरक्षा बलों को विशेष अधिकार
- गोली मारने तक के अधिकार देना है अफस्पा कानून
नागरिक इलाकों से सशस्त्र बल की बहाली
जम्मू कश्मीर मीडिया समूह के साथ इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के नागरिक इलाकों से सशस्त्र बलों को हटाने और वहां कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी पूरी तरह स्थानीय पुलिस को देने की हमारी योजनाएं हैं। उन्होंने कहा पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस पर विश्वास की कमी थी लेकिन आज हालात ये हैं कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारी ऑपरेशंस का नेतृत्व कर रहे हैं। दरअसल AFSPA अशांत क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों को सर्च करने के साथ गिरफ्तार करने और फायर ओपन करने की भी असीमित शक्तियां प्रदान करता है। इसके लिए किसी क्षेत्र या जिले को A.F.S.P.A के तहत अशांत क्षेत्र अधिसूचित किया जाता है। बता दें इससे पहले अमित शाह यह भी कह चुके हैं कि पूर्वोत्तर राज्यों के करीब 70 प्रतिशत इलाकों से अफस्पा हटाया जा चुका है। वहीं जम्मू-कश्मीर में भी लंबे समय से अफस्पा कानून हटाने की मांग की जा रही है, अमित शाह ने कहा चुनाव के बाद हम इस पर विचार करेंगे।
AFSPA में मिलते हैं ये अधिकार
AFSPA कानून के तहत सुरक्षा बलों सैनिकों को कई विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इनमें किसी व्यक्ति को बिना वॉरेंट के गिरफ्तार करना। संदिग्ध व्यक्ति के घर में घुसना और जांच करना। पहली बार चेतावनी देने के बाद भी यदि कोई संदिग्ध नहीं मानता है तो उस पर गोली चलाने का अधिकार भी इसी के तहत मिलता है। ऐसे में गोली चलाने के लिए सुरक्षा बलों को किसी के आदेश का इतंजार नहीं करना पड़ता। इतना ही नहीं गोली से किसी की मौत भी हो जाती है तो भी सुरक्षा बल के जवान पर हत्या का मामला नहीं चलता। राज्य सरकार यदि एफआईआर दर्ज भी कर लेती है तो अदालत में उसकी सुनवाई के लिए पहले केंद्र सरकार की इजाजत लेनी होती है।
कहां-कहां लागू है AFSPA
पूर्वोत्तर के कई राज्यों समेत पंजाब, चडीगढ़ और जम्मू कश्मीर में AFSPA कानून को लागू किया जा चुका है। पूर्वोत्तर के राज्यों में मणिपुर, असम त्रिपुरा और मेघालय के साथ अरुणाचल प्रदेश ही नहीं मिजोरम और नगालैंड में भी इसे लागू किया गया था। हालांकि कई क्षेत्रों से अब इसे हटा दिया गया है। फिलहाल यह कानून अब जम्मू-कश्मीर के साथ नगालैंड और मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लागू है।