लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा की छठी लिस्ट घोषित होने के बाद कैसरगंज से उम्मीदवार का नाम अभी सामने नहीं आया है। यहां से बृजभूषण शरण सिंह सांसद हैं। इसे लेकर कैसरगंज लोकसभा सीट पर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
- कट सकता है बृजभूषण शरण का टिकट
- महिला पहलवानों ने ब्रजभूषण पर लगाए थे उत्पीड़न के आरोप
- कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं बृजभूषण शरण सिंह
- फिर से उमीदवार बनाए जाने की संभावना नहीं है
- कट सकता है कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट
- बृजभूषण शरण का कट सकता है टिकट
- कैसरगंज की जनता की शरण में ब्रजभूषण सिंह शरण!
- ब्रजभूषण सिंह शरण ने जाहिर किये अपने मंसूबे
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की छठी लिस्ट घोषित होने के बाद यूपी के कैसरगंज सीट से उम्मीदवार का नाम अभी सामने नहीं आया है। यहां से फिलहाल बीजेपी के बृजभूषण शरण सिंह सांसद हैं। लेकिन अब भी कैसरगंज लोकसभा सीट को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सियासी हलको में बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कटने की अटकलें लगातार तेज होती जा रही हैं। इस सबके बीच बृजभूषण शरण सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर अपना संकल्प जाहिर कर दिया है। वीडियो में क्षेत्र की जनता से मिलते, उनकी समस्याएं सुनते दिख रहे बृजभूषण ने कैसरगंज की जनता को अपना और पीएम मोदी का परिवार बताया और कहा मोदी जी के परिवार ने मिलकर ठाना है कि अबकी बार 400 पार पहुंचाना है। इतना ही नहीं यह भी लिखा उनके अपने लोकसभा क्षेत्र कैसरगंज में रहने वाली जनता का सुख दुःख उनका अपना सुख दुःख है। कैसरगंज के लोगों के पास आकर ऐसा लगता है जैसे कि वे अपने परिवार में ही आये हैं। क्योंकि अब यही मेरा परिवार भी है और मोदी जी का परिवार और मोदी जी के परिवार ने मिल कर ठाना है अबकी बार 400 पार पहुँचना है।
6 बार सांसद रह चुके हैं बृजभूषण
बता दें कि भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह अब तक छह बार सांसद रह चुके हैं। 2009 के परिसीमन में कैसरगंज सीट का बाराबंकी वाला हिस्सा अलग हो गया। इसमें गोंडा के इलाके आ गए। बदली परिस्थितियों में 2008 में परमाणु समझौते के मुद्दे पर भाजपा छोड़कर सपा में आने वाले बृजभूषण शरण सिंह ने 2009 के लोकसभा चुनाव में कैसरगंज से ताल ठोंक दी। यह चुनाव वह सपा प्रत्याशी के रुप में जीते थे। इसके बाद 2014 का चुनाव आते-आते वह एक बार फिर भाजपा में लौट आए और भाजपा से कैसरगंज से सीट से चुनाव जीते। 2019 में भी बृजभूषण इस सीट से विजयी रहे, लेकिन अब महिला पहलवानों के शोषण के आरोपों ने बृजभूषण शरण सिंह की उम्मीदवारी खतरे में डाल दी है।
एक दूसरे के पूरक हैं ब्रजभूषण और विवाद
यूपी के कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। कभी उन्हें बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भी गिरफ्तार किया गया था। इतना ही नहीं उन पर कथित तौर पर दाऊद इब्राहिम गिरोह के शूटरों को शरण देने का आरोप भी लगा था। इसके लिए आतंकवाद विरोधी कानून टाडा के तहत भी उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। हालांकि जांच के बाद में सबूत नहीं मिलने पर उन्हें बरी कर दिया गया था। वहीं पुलिस रिकॉर्ड को देखें तो बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध साल 1974 से 2007 के बीच करीब 38 आपराधिक मामले दर्ज किए गए। इनमें विशेष रूप से चोरी और डकैती के साथ हत्या और आपराधिक धमकी के अलावा हत्या के प्रयास और अपहरण सहित कई विभिन्न आरोपों के लिए गैंगस्टर और गुंडा अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। हालांकि इन मामलों में भी उन्हें बरी कर दिया गया था। उनके चुनावी शपथ पत्रों के अनुसार अधिकांश मामलों का जिक्र किया गया है।
ताजा मामला महिला पहलवानों के आरोप का
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहते ब्रजभूषण पर भारत की शीर्ष महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद वे लगातार सुर्खियों में रहे। इतना ही नहीं एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने ब्रजभूषण के खिलाफ एफआईआर में गवाही भी दर्ज करायी थी। विनेश फोगट और साक्षी मलिक जैसे पहलवानों ने ब्रजभूषण के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर में धरना दिया था।