लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच चुनाव आयोग को दो नए चुनाव आयुक्तों मिल गए हैं। जिनके नाम फाइनल हो गए हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाले पैनल की गुरुवार 14 मार्च को अहम बैठक हुई। इस बैठक में नेता विपक्ष अधीर रंजन भी मौजूद रहे। जिन्होंने बैठक के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि नए चुनाव आयुक्त के रुप में पूर्व IAS अधिकारी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू के नाम पर बैठक में मुहर लगी है। अब राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद इन दोनों की नियुक्ति कर दी जाएगी।
पूर्व IAS अधिकारी ज्ञानेश और सुखबीर बने नए EC
- पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाले पैनल ने तय किये नाम
- राष्ट्रपति की मंजूरी मिलना बाकी
- 1988 बैच के अधिकारी हैं सुखबीर संधु
- रह चुके हैं उत्तराखंड के सीएम और NHAI के चेयरमैन
- सहकारिता मंत्रालय में रह चुके हैं सचिव ज्ञानेश कुमार
सुखबीर संधु देवभूमि उत्तराखंड के मुख्य सचिव के साथ NHAI के चेयरमैन भी रह चुके हैं। दूसरा नाम सहकारिता मंत्रालय में सचिव पद से रिटायर हुए ज्ञानेश कुमार का है। वे 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अधिकारी हैं। ज्ञानेश गृह मंत्रालय में भी सेवाएं दे चुके हैं। बताया जाता है कि धारा 370 पर फैसले के समय गृह मंत्रालय में वे पदस्थ थे।
अधीर रंजन का आरोप रात को सौंपी थी लिस्ट
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी भी पैनल की बैठक में थे। जिसके बाद मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली इस तीन सदस्यीय समिति ने ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को नए चुनाव आयुक्त के रूप में चुन लिया है। दरअसल यह फैसला लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे के कुछ दिनों बाद आया है।
कांग्रेस के जयराम रमेश के सवाल-गोयल के इस्तीफे पर तीन सवाल
- 1. क्या मुख्य चुनाव आयुक्त और उनके बीच कुछ मतभेद हैं?
- 2. क्या मोदी सरकार से उनके मतभेद हैं?
- 3. क्या वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे?
अखिर कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने अमित शाह के नेतृत्व वाले सहयोग मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया। इससे पहले ज्ञानेश कुमार को संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव के रूप में जिम्मेदारी दी गई थी। वे 1988 बैच के केरल काडर IAS ऑफिसर हैं। कुछ दिनों पहले ही वे सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। सहकारिता मंत्रालय के गठन से लेकर अब तक उसकी कार्यप्रणाली कैसे देशभर में लागू हो रही है। इसमें ज्ञानेश कुमार ने अहम योगदान किया है। पूर्व नौकरशाह को नगर निगम से लेकर लुधियाना के साथ पंजाब के आयुक्त के रूप में उनकी सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें भारत की जनगणना के दौरान दी गई सेवाओं के लिए भी सम्मान में 2001 का भारत का राष्ट्रपति पदक भी प्राप्त हुआ।
आखिर कौन हैं सुखबीर सिंह संधू?
साल 1963 में जन्में सुखबीर सिंह संधू 1998 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया। इससे पहले, संधू ने उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। संधू ने सरकारी मेडिकल कॉलेज, अमृतसर से एमबीबीएस किया और अमृतसर में गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से इतिहास में मास्टर डिग्री भी हासिल की है। इतना ही नहीं उनके पास कानून की डिग्री भी है।