बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले ही सियासत गरमा गई है। जिससे लगता है सत्ताधारी गठबंधन एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। नीतीश सरकार को समर्थन दे रहे एचएएम प्रमुख जीतनराम मांझी लगातार अपनी मांग पर अड़े हैं।
- हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर संरक्षक हैं मांझी
- मांझी की मांग उनकी पार्टी को मिले दो मंत्री पद
- विभाग को लेकर भी मांझी ने जताई नाराजगी
- कहा- हम गरीबों के बीच करते हैं काम
- ‘बना सकते हैं सड़क और पुल’
- ‘हमें परंपरागत विभाग ही क्यों दिया जाता है’
बिहार में नवगठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले ही हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर संरक्षक और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार कैबिनेट में दो मंत्री पदों की मांग कर दी है। जिससे राज्य की नीतीश कुमार सरकार में ताजा तनाव बढ़ गया। मांझी ने बीजेपी और एनडीए के शीर्ष नेतृत्व को यह भी याद दिलाया कि उन्होंने महागठबंधन की ओर से मिले मुख्यमंत्री पद के प्रस्ताव को दरकिनार करने के बाद एनडीए के साथ रहने का फैसला किया है। बता दें जीतनराम मांझी जिनकी पार्टी पिछले साल जून में महागठबंधन छोड़ने के बाद एनडीए का हिस्सा बनी थी। जब उन्हें अपने संगठन को जेडीयू में विलय करने के लिए कहा गया था। उन्होंने दो मंत्री पदों की मांग की थी। अब भी मांझी नीतीश सरकार में दो मंत्री पद दिए जाने की मांग पर अडे़ हैं। अब उन्होंने महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए जाने की हुंकार भरी है। मांझी नीतीश कुमार से नाराज हैं। बदलते सियासी समीकरण को देखते हुए जीतनराम मांझी का भी मिजाज बदल रहा है।
दो मंत्री पद दिए जाने का किया था वादा
माझी ने कहा एक रोटी से उनका पेट नहीं भरता, इसलिए उन्होंने दो रोटी मांगी है। उनका इशारा मंत्री पद की ओर था। जीतनराम मांझी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा एक मंत्री पद से आखिर क्या होगा। मांझी का कहना है कि उनकी पार्टी को सरकार में दो मंत्री पद दिए जाने का वादा किया गया था। उसे पूरा किया जाए। अभी सिर्फ मांझी के बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया है। वहीं विभाग को लेकर भी मांझी ने नाराजगी जताई और कहा हमे एक परंपरागत ही विभाग दिया जाता है। जबकि हम देहात में रहने वाले हैं गरीबों के बीच रहने वाले हैं। हम मकान बनाना भी जानते हैं। हम सड़क बनाना भी जानते हैं। हम पुल बनाना भी जानते हैं। गरीबों को पानी पिलाना भी जानते हैं। ये सभी विभाग ऐसे हैं जो गरीबों से जुड़े हैं।
पिछली बार भी मिला इस बार भी वहीं संतोष को विभाग
बता दें कि पिछले दिनों 28 जनवरी को बिहार में तख्तापलट हुआ था। नीतीश ने महागठबंधन से नाता तोड़ते हुए एनडीए से मिलकर सरकार बनाई थी। नीतीश कुमार ने 9वीं बार सीएम पद की शपथ ली। उन्होंने बीजेपी कोटे से दो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा बनाए। पांच मंत्रियों ने भी शपथ ली थी। जबकि जतीनराम मांझी की पार्टी के कोटे से उनके बेटे संतोष सुमन ही मंत्री बनाया था। वहीं विभागों के बंटवारे मे भी संतोष कुमार सुमन को सूचना प्रविधिकी , अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग दिया गया। दरअसल इससे पहले जब संतोष महागठबंधन की सरकार में मंत्री हुआ थे। तब भी उनके पास एससी एसटी कल्याण विभाग था। इसके अलावा जीतन राम जब बिहार सरकार में मंत्री हुआ करते थे तब उनके पास भी इसी मंत्रालय की जिम्मेदारी थी।