पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के साथ के साथ देश में कई मशहूर हस्तियां डीपफेक का शिकार हो चुकी हैं। आए दिन इस तरह की खबरे सुर्खियां बटोर रही हैं। इसे रोकने के लिए अब केंद्रीय आईटी मंत्रालय ने नए नियम तैयार किए हैं। नए नियम के मुताबिक जो सोशल मीडिया प्लेटफार्म नए नियमों का उल्लंघन करेगा। भारत में उसका कारोबार रोक दिया जाएगा।
- जहां होगा फेक कंटेंट अपलोड वह प्लेटफॉर्म भी जिम्मेदार
- डीप फेक कंटेंट मिलते ही कोई भी करा सकता है FIR
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूजर्स को देना होगा शपथ पत्र
- शपथ देना होगा कि वह डीपफेक कंटेंट नहीं डालेगा
- 24 घंटे में हटाना होगा डीप फेक कंटेंट
- सचिन-सारा तेंदुलकर का आया था डीप फेक वीडियो
- आईटी एक्ट के तहत डीपफेक के खिलाफ कड़े नियम
आईटी मंत्रालय की ओर से बताया गया कि सोशल मीडिया प्लेट प्लेटफाम्र्म और अन स्टेकहोल्डर्स के बीच हुई दो बार बैठक हो चुकी है। इस बैठक में तय हुआ कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म डीपफेक कंटेंट को एआई के जरिए फिल्टर करने का काम करेंगे। डीपफेक कंटेंट डालने वालों पर आईपीसी की धाराओं और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज होंगे।
इस तरह के होंगे नए नियम
फेक करेंट आपलोड होने वाले प्लेटफॉर्म को भी जिम्मेवार माना जाएगा। इसके साथ ही डीप फेक कंटेंट मिलने पर एफआरआर की जा सकेगी। अपलोड होने के 24 घंटे में डीप फेक कटेंट को हटना होगा। इसके साथ ही जिस यूजर्स ने डीप फेक कटेंट साइट पर अपलोड किया है। उस यूजर्स का सोशल मीडिया पर अकाउंट बंद करने के साथ ही इसकी सूचना दूसरे प्लेटफार्म को भी देना होगी। जिससे आरोपी दूसरे प्लेट फार्म भी अपना अकाउंट न बन सके। इतना ही नहीं सोसल मीडिया प्लेटफॉम पर यूजर्स से एक शपथ पत्र लिया जाएगा कि वह किसी का डीपफेक कटेंट साझा नहीं करेगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने यूजर्स इस सबंध में शपथ पत्र देने के बाद ही अकाउंट एक्सेस करने में सफल हो सकता है।
आखिर क्या है डीपफेक इसे कैसे बनाया जाता है ?
पहली बार 2017 में डीप फेक शब्द का इस्तेमाल किया गया था। उस समय अमेरिका में सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर हंगामा मच गया था। सोशल न्यूज एग्रीगेटर पर डीपफेक आईडी से कई सेलिब्रिटीज के अलग अलग वीडियो पोस्ट किए थे। इन वीडियो में कई एक्ट्रेस पोर्न वीडियो थे, जो अपलोड किये गये थे। ये वीडियो देखने में किसी रियल वेडियो जैसे थे। जिसमें फोटो ऑडिये में दूसरे के चेहरे के साथ आवाज और एक्सप्रेसन को फिट किया गया था। इस तरह डीपफेक का दावा किया गया था। वे वीडियो इतनी सफाई से बनाए गए थे कि कोई भी इन पर एक नजर देखने पर यकीन कर ले। इस फेक वीडियो में असली जैसा लगता है। इस वीडिया में लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेस की मदद ली जाती है। इसमे वीडियो और ऑडियो को टेक्नोलॉजी के साथ सॉफ्टवेवर की मदद लेकर बनाया जाता है।
प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने जताई थी चिंता
पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के साथ भारत में कई हस्तियां भी डीपफेक वीडियो का शिकार हो चुकी हैं। ऐसे में प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने डीएफेक को लेकर चिंता जताई थी। दरअसल उनका भी एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था। इससे पहले पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का एक फेक वीडियो वायरल हो चुका है।