बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पार्टी को युवा नेतृत्व देने के लिये अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाया है। अब यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर बाकी प्रदेशों में संगठन का काम आकाश आनंद ही संभालेंगे। ब्रिटेन से एमबीए कर चुके 28 वर्षीय आकाश आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं।
- आकाश आनंद को बनाया है मायावती ने उत्तराधिकारी
- परिवारवाद की ओर कदम बढ़ाती मायावती की बीएसपी
- परिवारवाद का शिकार कांशीराम की पार्टी बीएसपी
- 2019 में बनाया था बीएसपी का राष्ट्रीय संयोजक
मायावती ने उन्हें 2019 में पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक बनाया था। तभी से उनके मायावती के उत्तराधिकारी बनने की चर्चा चल रही थी। आकाश आनंद ने पिछले दिनों सम्पन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीएसपी की कमान संभाली थी। हालांकि इन राज्यों में बीएसपी के पक्ष में कोई विशेष हवा नहीं बना पाए। कभी देश में प्रमुख राजनीतिक दल रही बसपा अब अपनी राष्ट्रीय मान्यता बचाने का प्रयास कर रही है। उत्तर प्रदेश में चंद्रशेखर रावण भी दलित नेता के तौर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। इसी के चलते मायावती ने बसपा में युवा नेतृत्व देने के लिए अपने भतीजे को मैदान में उतारा है।
14 अप्रैल 1984 को हुई थी बसपा की स्थापना
दरअसल कांशीराम ने जब 14 अप्रैल 1984 को बीएसपी का गठन किया था। तब उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि आगे चलकर बसपा परिवारवाद की भेंट चढ़ जाएगी। परिवारवाद से बचने के लिए कांशीराम ने शादी नहीं की थी। मायावती की प्रतिभा देखकर कांशीराम ने उन्हें राजनीति में आगे बढ़ाया और अपना उत्तराधिकारी बनाया था। कांशीराम के कारण मायावती चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बन पाई। कांशीराम चाहते तो स्वयं मुख्यमंत्री बन सकते थे। मगर वह किंग मेकर की भूमिका में ही रहना चाहते थे। इसलिए उन्होंने मायावती को आगे बढ़ाया।